Indian Railways : भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यहां से प्रतिदिन 1300 से अधिक ट्रेनें संचालित होती हैं। वहीं, यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेल विभाग द्वारा समय-समय पर नियमों में बदलाव भी किए जाते हैं। एक से बढ़कर एक वीआईपी ट्रेंस चलाई जा रही है। छोटे से लेकर बड़े स्टेशनों का निर्माण रोजगार के नए अवसर सृजीत करता ही है, तो वहीं इससे लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में काफी सुविधा होती है।
ट्रेन एक ऐसा माध्यम है, जिसमें हर तबके के लोग सफर कर सकते हैं। इस दौरान लोगों को नए-नए तरह के अनुभव को जानने का मौका मिलता है। अक्सर ट्रेन में सफर करते वक्त ऐसी बहुत सी चीज देखने और जन को मिलती है, जो शायद ही आपने कभी सुना हो।
अनोखा रेलवे स्टेशन (Indian Railways)
अक्सर रेलवे स्टेशंस भी अपने आप में अलग-अलग तरीके से सजाए जाते हैं। कहीं-कहीं तो रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय शहरों और राज्यों की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है। रेलवे स्टेशन का मतलब होता है, जहां ट्रेनों का ठहराव होता है, लेकिन देश का एक ऐसा भी रेलवे स्टेशन है, जहां ना तो ट्रेन है और ना ही यात्रियों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा हैं।
पसरा रहता है सन्नाटा
इस रेलवे स्टेशन पर साल में सिर्फ 15 दिन पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होता है, बाकी दिन यहां पर बिल्कुल सन्नाटा पसरा रहता है। जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना! भारतीय रेल नेटवर्क के इतने बड़े होने के बावजूद इस अनोखे रेलवे स्टेशन पर यह हालात है। दरअसल, यह रेलवे स्टेशन बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित है। जिसका नाम अनुग्रह नारायण रोड घाट रेलवे स्टेशन है। यहां पर एक भी टिकट काउंटर नहीं है और ना ही यहां कोई रेलवे कर्मचारी काम करते हैं।
केवल 15 दिन रुकती है ट्रेनें
हालांकि, पितृपक्ष के समय 15 दिन के लिए पैसेंजर ट्रेनों को यहां पर रोका जाता है ताकि यहां के लोग अपने गंतव्य तक जा सके। वहीं, बहुत से लोग पुनपुन नदी में श्राद्ध के दौरान पितरों को तर्पण करने के लिए आते हैं, इसलिए केवल 15 दिन ट्रेन रूकती है और मात्र 15 दिनों के लिए रेलवे कर्मचारियों को भी यहां रखा जाता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)