अलग-अलग हैं पीएफ अकाउंट तो उन्हें मर्ज करना ही बेहतर, जानिए कैसे बच सकता है ज्यादा टैक्स

Amit Sengar
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PF Account : बीते कुछ समय में अगर आपने भी बार बार नौकरियां बदली हैं। और, नौकरी बदलने के बाद हर बार एक नया पीएफ अकाउंट खुलवाया है तो उसका नुकसान आपको जरूर समझ लेना चाहिए। ये एक ऐसा जरूरी काम है, जिसे करना सभी को याद नहीं रहता। बदले में ज्यादा टैक्स चुकाते रहना पड़ता है।

यूएएन नंबर की जरूरत

आपका जैसे ही पीएफ अकाउंट खुलेगा। आपको ईपीएफओ की तरफ से खास नंबर मिलेगा। इस नंबर को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी कि यूएएन नंबर कहा जाता है। इसी नंबर से पीएफ के पूरे अकाउंट का मैनेजमेंट होता है। आप जब भी ज़ॉब बदलते हैं तो ये नंबर आपको अपने एम्पलॉयर को देना होता है। इस नंबर के आधार पर आपका नया पीएफ अकाउंट खुल सका है।

पैसे निकालने के नियम

नियम ये कहते हैं कि आपने किसी भी कंपनी में पांच साल की अवधि से कम के लिए काम किया है। साथ ही आपके खाते में जमा रकम पचास हजार से कम है तो आपको पैसे निकालते समय बिलकुल टैक्स जमा नहीं करना होगा। ये रकम अगर पचास हजार रु। से ज्यादा होगी तो आपको दस फीसदी टैक्स देना होगा। नौकरी की अवधि भी पांच साल से ज्यादा की होगी तो भी आप टैक्स से बच जाएंगे।

खाता मर्ज करवाने के फायदे

आप अपने सभी खाते मर्ज करवाएंगे तो यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर की मदद से आपका एक्सपीरियंस भी मर्ज हो जाएगा। मतलब आपने अगर अलग अलग संस्थानों में दो दो साल काम किया है तो आपका कुल एक्सपीरियंस उन सालों को जोड़ कर ही मान जाएगा। अगर आप ये सभी साल जोड़ देते हैं और बाद में पैसे निकालते हैं तो आप दस परसेंट टैक्स से बच सकेंगे।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई सामान्य जानकारी है, इसलिए बैंक या जानकर व्यक्ति से सलाह लेकर ही उचित काम करें। Mpbreakingnews दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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