अगले 1 साल में पाना है जीवन का लक्ष्य, इन बातों पर करें अमल

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हम सब अपने जीवन को लेकर सपने देखते हैं, कोई लक्ष्य होता है जिसे पाना चाहते हैं। इसके लिए हम जीतोड़ मेहनत भी करते हैं, लेकिन कई बार हमारी उम्मीद पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में निराश होने की बजाय अपनी मंजिल पाने के लिए थोड़ी और सुधार के साथ मेहनत करने की जरुरत है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आने वाले एक साल में आप कैसे अपने जीवन का लक्ष्य पा सकते हैं।

लड़कियों..इन बातों को ज़िंदगी से दफ़ा करो

  • अपना लाइफ-ऑडिट कीजिए। हैल्थ, फाइनेंस, पर्सनल डेवलपमेंट, करियर, रिलेशनशिप, सेल्फ केयर और फ्री टाइम..इन 7 बातों पर गौर कीजिए। इनके ऑडिट से आपको समझ आएगा कि कहां चूक हुई, कहां आपने जाने अनजाने गलती कर दी।
  • आपक दृष्टिकोण ही आपका भविष्य निर्धारित करता है। आपका जीवन को देखने का नजरिया ही तय करता है कि आपका व्यवहार कैसा होगा और आप चीजों पर कैसे काम करेंगे। इसलिए इसपर गौर करें और अगर जरा भी नकारात्मकता है तो उसे अपने जीवन से बाहर करें।
  • आपका एक क्लियर विजन होना चाहिए। पता होना चाहिए कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है। इसी आधार पर हमारे प्रयास होंगे और सफलता मिलेगी। हमारा विजन हमारे सपनों और पैशन से तय होता है इसलिए उम्मीद का साथ कभी न छोड़ें।
  • जिस तरह हम वस्तुओं को, सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहते हैं वैसे ही खुद को भी अपडेट कीजिए। रोज अपने आप पर एक नज़र डालिये और न्यूट्रल होकर अपनी कमियों और अच्छाइयों को देखिये। इसके बाद अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश कीजिए और अच्छाइयों को और मांझिये। हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास करें और इसमें दूसरों की भी मदद करें।
  • अगर आपको अपने जीवन की दिशा बदलनी है तो सिर्फ खुद में बदलाव करके कुछ नहीं होगा। इसके लिए आपको अपने आसपास के वातावरण को भी अनुकूल करना होगा। देखिए कि आप किन लोगों के बीच हैं, आपके दोस्त किस तरह के हैं और काम की जगह का माहौल कैसा है। अपने जीवन से नेगेटिविटी को दूर करिए और स्वस्थ माहौल का निर्माण करें।
  • मंजिल को पाने के चक्कर में रास्ते की खूबसूरती को न भूलें। इसका भी आनंद लें। ये जो प्रक्रिया है जिसमें संघर्ष, उतार चढ़ाव, तकलीफें, छोटी छोटी खुशियां, नए और अच्छे लोगों से मुलाकात या फिर तमाम दूसरी चीजें हैं उन्हें भी पूरी तरह जीवन में शामिल करें। इन्हें दरकिनार करते हुए, अनदेखा करते हुए अगर भागते रहें तो एक समय के बाद समझ आएगा कि जीवन तो जिया ही नहीं। इसलिए वर्तमान का सुख लेते हुए सुंदर भविष्य की ओर बढ़ें।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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