Man-eater : प्राचीन काल में, जब मनुष्य आदिमानव के रूप में जीवन जी रहा था, तो उस समय उसे जीने और खाने के तरीके का ज्ञान नहीं था। वह जंगलों में रहते हुए शिकार करता और जंगली फलों का सेवन करता था। लेकिन आज, जब दुनिया तकनीकी और सामाजिक रूप से उन्नत हो गई है, अधिकांश लोग सभ्य और सुसंस्कृत हो गए हैं। फिर भी, कुछ स्थानों पर अब भी आदिम जीवन जीने वाली जनजातियाँ पाई जाती हैं, जो पुराने रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करती हैं। इनमें से कुछ जनजातियाँ ऐसी भी हैं, जो आदमखोरी का प्राचीन रिवाज आज भी मानती हैं। चलिए इस खबर में जानते हैं।
पापुआ न्यू गिनी के आदमखोर:
दरअसल पापुआ न्यू गिनी में कोरोवाई जनजाति निवास करती है, जो आज भी आदमखोरी की प्रथा का पालन करती है। ये लोग बहुत ही कम कपड़े पहनते हैं या कई बार बिल्कुल नहीं पहनते। जानकारी के मुताबिक कोरोवाई जनजाति का मानना है कि खाखुआ नामक एक दानव इंसानों के दिमाग पर कब्जा कर लेता है और उन्हें अंदर से खा जाता है, जिससे इंसान डायन बन जाता है। इसलिए, जब इन्हें लगता है कि किसी व्यक्ति पर भूत-प्रेत का साया है, तो ये उसे मारकर खा जाते हैं। आप को सुनकर हैरानी होगी लेकिन ये लोग इस प्रथा का पालन आज भी करते हैं।
आदमखोरी का तरीका:
जानकारी के अनुसार कोरोवाई जनजाति के लोग बाहरी इंसानों को अपने से दूर रखते हैं और शक होने पर उन्हें मारकर खा जाते हैं। ये लोग शिकार के लिए तीर-धनुष का इस्तेमाल करते हैं और इंसानी मांस के स्वाद की तुलना जंगली सुअर या एमू से करते हैं। इसके साथ ही वे इंसान के बाल, नाखून और लिंग को छोड़कर बाकी सभी हिस्से खा जाते हैं। कोरोवाई जनजाति में 13 साल से कम उम्र के बच्चों को इंसानी मांस नहीं खिलाया जाता, क्योंकि उनका मानना है कि इससे बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
महिलाओं की स्थिति:
दरअसल पापुआ न्यू गिनी, जो ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में स्थित है, रहने के लिए दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक मानी जाती है। जानकारी दे दें कि यहां के लोग बेहद खूंखार होते हैं और महिलाओं की स्थिति बहुत खराब होती है। घरेलू हिंसा और बलात्कार जैसी घटनाएं यहां आम हैं, और दोषी पाए जाने पर भी बहुत कम लोगों को सजा मिलती है। महिलाओं को यहां बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और उनकी सुरक्षा के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं होती है।
(Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।)