Amazing facts about nature : हर रोज़ सूरज उगता है और ढल जाता है। मिट्टी में बोए हुए छोटे-छोटे बीज हमें भरपूर फसल के रूप में वापस मिलते हैं। पेड़ रसीले फल और छाया देते हैं। चूंकि ये सब देखने के हम आदी हो गए हैं इसलिए शायद इनमें कुछ विशेष नज़र नहीं आता है। लेकिन जरा गौर से देखें तो ये सब कितना अद्भुत है। प्रकृति जैसे कोई जादू हो जो हमें हर बार विस्मय में डाल देती है। चाहे वो पहाड़, जंगल, रेगिस्तान हों या फिर लाखों किस्म के पेड़ पौधे या जीव जंतु।
प्रकृति में भूमि, जल, वायु, अग्नि और आकाश जैसे पंचतत्व समाहित हैं। इसमें पेड़-पौधे, जीव-जंतु, और मानव सहित सभी जीवित और निर्जीव तत्व भी शामिल हैं। प्रकृति ऊर्जा के स्रोत, पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक चक्रों का संतुलन बनाए रखती है। यह हमें भोजन, पानी, शांति, सौंदर्य और जीवन जीने की प्रेरणा देती है। प्रकृति में इन सभी तत्वों का एक संतुलन होता है, जो जीवन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। इसीलिए जरूरी है कि हम अपनी प्रकृति का संरक्षण करें।
प्रकृति के अद्भुत रहस्य
ये कुदरत अनमोल है। हमारी प्रकृति में ऐसी अनेक अद्भुत घटनाएँ और तथ्यों का अस्तित्व है, जो हमारे ज्ञान की सीमाओं को चुनौती देती हैं और हमें विस्मय में डाल देती हैं। इन प्राकृतिक तथ्यों से न सिर्फ हमारी समझ में वृद्धि होती है, बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति और भी सम्मान महसूस कराती है। आज हम ऐसे ही कुछ बातें आपके साथ साझा कर रहे हैं:
1. बायोलुमिनसेंस (Bioluminescence) : यह एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है जिसमें कुछ जीव-जंतु और पौधे अपनी शारीरिक प्रक्रियाओं के द्वारा रोशनी उत्पन्न करते हैं। समुद्र में पाई जाने वाली कुछ मछलियाँ और अन्य समुद्री जीव रात के समय अपनी चमक के कारण देखे जाते हैं। यह प्राकृतिक रोशनी आमतौर पर उनकी सुरक्षा या शिकार के लिए उपयोग होती है। बायोलुमिनसेंस के पीछे मुख्य रूप से रासायनिक प्रक्रियाएँ होती हैं जो जीवों को अंधेरे में चमकने की क्षमता प्रदान करती हैं।
2. पृथ्वी के 99% पानी में से सिर्फ 0.007% पीने योग्य (Hydrosphere) : हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी का 70% हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन इसका अधिकांश जल महासागरों में छिपा हुआ है। इसके अलावा, पृथ्वी के वातावरण में मौजूद जल का लगभग 99% वाष्प रूप में होता है जो हमारे सामान्य ज्ञान से परे एक दिलचस्प तथ्य है। जल वाष्प का यह रूप मौसम की प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी के हाइड्रोस्फीयर से जुड़ी दिलचस्प और अनोखी बात यह है कि पृथ्वी पर मौजूद पानी का कुल मात्रा लगभग 1.386 बिलियन क्यूबिक किलोमीटर है, लेकिन इसका सिर्फ 0.007% ही पीने योग्य है। और जो बात इसे और भी अद्भुत बनाती है, वह यह है कि यह पानी अरबों वर्षों से लगातार “रीसायकल” हो रहा है। यानी, आज हम जो पानी पी रहे हैं, वह वही पानी हो सकता है जो डायनासोर के समय में अस्तित्व में था।
3. पेड़ों की आपस में बातचीत (Tree Communication) : यह अत्यंत दिलचस्प शोध है, जिसमें यह पाया गया है कि पेड़ आपस में भूमिगत नेटवर्क के माध्यम से संवाद करते हैं। पेड़ अपनी जड़ों और माइकोरिज़ल फंगस के माध्यम से जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं। इसे “वुड वाइड वेब” कहा जाता है। इस प्रक्रिया में पेड़ एक-दूसरे को खतरे या बीमारी के बारे में चेतावनी भेज सकते हैं, जिससे वे एक-दूसरे की रक्षा कर सकते हैं।
4. सबको अलग दिखता है इंद्रधनुष (Rainbow Colours) : इंद्रधनुष के रंगों का निर्माण सूर्य की रोशनी के बूँदों या धुंध में प्रवेश करने पर होता है, जहाँ प्रकाश का विकिरण, परावर्तन और प्रसार (Dispersion) एक जटिल प्रक्रिया के माध्यम से सात रंगों का निर्माण करता है। इंद्रधनुष के सात रंगों से जुड़ी एक अद्भुत बात यह है कि हर व्यक्ति अपना-अपना इंद्रधनुष देखता है। दरअसल जब आप इंद्रधनुष देखते हैं तो यह वास्तव में आपकी आँखों और सूर्य की रोशनी के बीच एक अद्वितीय कोण (42 डिग्री) पर बनता है। यह इस कारण है कि जो प्रकाश बूंदों से परावर्तित और प्रसारित होकर आपकी आँखों तक पहुँचता है, वह आपकी दृष्टि और स्थान के लिए विशेष होता है। दूसरे शब्दों में, यदि कोई व्यक्ति आपके बगल में खड़ा है और वह भी इंद्रधनुष देख रहा है तो उसका इंद्रधनुष थोड़ा अलग होगा क्योंकि असल में वो अलग बूंदों से परावर्तित प्रकाश को देख रहा है।
5. गुलाबी झील (Lake Hillier) : ऑस्ट्रेलिया में स्थित हिलियर झील का पानी स्वाभाविक रूप से गुलाबी रंग का है। इसका कारण माइक्रोबैक्टीरिया का उत्पन्न होना है, जो सॉल्ट के साथ मिलकर इस विशिष्ट रंग का निर्माण करते हैं। यह झील अपने अनोखे रंग के लिए प्रसिद्ध है और पृथ्वी पर इससे मिलती-जुलती कोई अन्य झील नहीं पाई जाती है। यह झील न सिर्फ अपने रंग के कारण मशहूर है, बल्कि इसका पानी भी बहुत खारा है जो इसे समुद्र के पानी के समान बनाता है। इसका सॉल्टीनेस इतना ज्यादा है कि इस पानी में तैरने के दौरान किसी तरह की विशेष कठिनाई नहीं होती है।
6. समय की गति और गुरुत्वाकर्षण (Time and Gravity) : वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि समय की गति गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से प्रभावित होती है। अर्थात, जितना अधिक हम पृथ्वी के केंद्र से दूर होते हैं, उतना ही समय धीमा चलता है। उदाहरण के लिए, अंतरिक्ष में समय पृथ्वी की तुलना में अलग तरीके से चलता है क्योंकि वहां गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव कम होता है। इस बात को अलग अलग साइंस फिक्शन और डाक्यूमेंट्रीज़ में भी दिखाया जा चुका है।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)