Dabra News : ओवरलोड कंटेनर ओवरब्रिज पर हुआ फैल, घंटों तक लगा जाम, प्रशासन दिखा फेल

डबरा में ओवरब्रिज पर आए दिन भारी वाहनों की वजह से जाम की स्थिति बानी रहती है। लोडिंग वाहन यहां से निकलने के दौरान खराब हो जाते हैं। ऐसे में अन्य वाहनों का आवागमन प्रभावित हो जाता है।

Amit Sengar
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Dabra News : डबरा शहर में यातायात का दबाव बढ़ने से ओवर ब्रिज पर जाम की समस्या आम हो गई है। इससे लोग खासे परेशान हैं। गुरुवार की सुबह लगभग 10 बजे ब्रिज पर धान से भरा कंटेनर फेल हो गया। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ओवरलोड धान के बोरे भरे हुए थे जो कि ब्रिज के घुमाव के कारण बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक मौन रहेगा या फिर किसी बड़ी घटना का इंतज़ार कर रहा है।

बता दें कि गुरुवार की सुबह लगभग 10 बजे ब्रिज पर धान से भरा कंटेनर फेल हो गया। इसके कुछ ही देर बाद यहां जाम लग गया। क्योंकि दोनों तरफ के वाहन गलत साइड से निकलने लगे। ऐसे में ब्रिज पर वाहन एक-दूसरे से उलझ कर रहे गए। कुछ ही देर में वाहनों की लंबी कतार लग गई। जब इस संबंध में मीडिया द्वारा दूरभाष पर डबरा एसडीएम दिव्यांशु चौधरी से सूचना दी गई तो उन्होंने तत्काल डबरा टी.आई. से संपर्क कर कंटेनर को हटाने की बात कही है। वहीं दूसरी और मीडिया द्वारा जाम की खबरों को प्रसारित करने पर प्रशासन 2 या 3 दिन तक हरकत में आता है और फिर गहरी नींद में सो जाता है

ओवरब्रिज पर पहले भी इस तरह के हो चुके हैं हादसे

बता दें कि डबरा ओवर ब्रिज पर मंडी से कितने ही ट्रैक्टर ट्रालियां ओवरलोड होकर शहर के अंदर से गुजरते हैं जिसके कारण शहर वासियों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है जबकि प्रशासन द्वारा शहर के अंदर से निकलने पर भारी वाहनों के आवागमन पर समय भी निर्धारित किया गया है उसके बावजूद भी वाहन चालकों के द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाता वहीं पुलिस प्रशासन का भी इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है गौरतलब है कि पहले भी डबरा ओवरब्रिज पर इस तरह के हादसे हो चुके हैं बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन सचेत नहीं है।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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