छोटी गर्दन हैं तो ब्लाउज के लिए चुने ऐसी नेक डिजाइन, खूब जचेंगी आप

short neck

Neck Design for Short Neck Women: शादियों का सीजन है तो खूबसूरत दिखना हर महिला का हक होता है। बस यही हक या चाहत पूरी करने के लिए ढेरों आउटफिट खरीदे जाते हैं। कई बार अपनी फेवरेट सेलिब्रेटी को फॉलो करते हुए आउटफिट खरीद लिए जाते हैं। लेकिन पहनने पर वैसा लुक नहीं आता। इसकी वजह है आपका बॉडी टाइप। किसी की भी नकल करते हुए ड्रेस पसंद करने से पहले खुद के बॉडी टाइप को समझ लेना बहुत जरूर होता है। मान लीजिए आपकी गर्दन छोटी है तो आप पर अलग तरह की नेकलाइन वाली ड्रेस अच्छी लगेगी। आप किस तरह की नेकलाइन चुन सकती हैं वो भी जान लीजिए।

वी शेप नेक लाइन

वी शेप का ब्लाउज या टॉप किसी भी लहंगे या चोली के साथ अच्छा लगता है। आपकी गर्दन थोड़ी छोटी है तो आप वी शेप नेक लाइन वाले टॉप आप पर खूब फबेंगे। इस तरह की नेक डिजाइन में गर्दन काफी लंबी भी नजर आती है। ऐसे ब्लाउज के साथ आप चोकर डिजाइन वाले नेकपीस भी पहन सकती हैं, या सिर्फ थोड़े भारी ईयररिंग पहन कर भी काम चला सकती हैं।

स्वीटहार्ट नेकलाइन

इस नेकलाइन वाली डिजाइन के साथ आप फुल स्लीव्स के टॉप भी पहन सकती हैं। इस तरह के गले थोड़े डीप और ब्रॉड होते हैं। जो गर्दन के बड़े होने का अहसास कराते हैं। इस तरह के डिजाइन वाले ब्लाउज या चोली के साथ आप चाहें तो सिर्फ एक सुंदर सा ईयरपीस कैरी करें। गर्दन भी खुली खुली और बड़ी दिखेगी। साथ ही आप का लुक भी शानदार लगेगा।

ऑफ शोल्डर नेक डिजाइन

ऑफ शोल्डर गले की डिजाइन की वजह से गला बड़ा नजर आएगा। इस तरह के नेक डिजाइन के साथ आप नेकपीस भी कैरी कर सकती हैं और ईयर रिंग भी पहन सकती हैं। ब्लाउज का ऐसा डिजाइन डिजाइनर साड़ी के साथ-साथ ट्रेडिशनल डिजाइन वाली साड़ी के साथ भी अच्छा लगेगा।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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