पैसों के लालच ने इंजीनियरिंग छात्रों को बना दिया अपराधी, ऐसे बन गए साइबर फ्रॉड गैंग के सहयोगी

पकड़े गये आरोपियों द्वारा खातों में आए ठगी के पैसों को एटीएम कार्ड के माध्यम से नगद अथवा ऑनलाइन निकालकर 6 प्रतिशत कमीशन काटकर अन्य राशि की यूएसडीटी चाइनीज साइबर अपराधियों को उनके बताये गये वॉलेट में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया जाता था।

Atul Saxena
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Gwalior News : बीएसएफ टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख रुपये ट्रांसफर करवाने वाले शातिर साइबर ठगों को सहयोग करने वाले तीन इंजीनियरिंग छात्रों को ग्वालियर पुलिस ने पकड़ने में सफलता हासिल की है, ये नोयडा की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं, पुलिस पूछताछ में मालूम चला है कि ये छात्र डिजिटल अरेस्ट गैंग की राशि को ट्रांसफर कराने अन्य छात्रों के बैंक खाते खुलवाते थे जिसका कमीशन इनको मिलता था। पुलिस इस मामले में दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने  मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक अवसार अहमद निवासी टेकनपुर ग्वालियर ने एक शिकायती आवेदन पत्र दिया था कि मेरे पास व्हाट्सअप पर एक अंजान व्यक्ति का कॉल आया और बोला कि मैं मुम्बई साइबर क्राइम ब्रांच से बोल रहा हूँ आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस में अरेस्ट वारंट है और आपकी फैमली को भी अरेस्ट करने के ऑर्डर है और कहा कि अभी आप 15 लाख रुपये जमा करो आपका केस खत्म होने पर आपको लौटा दिये जायेगें। इस तरह से बारी-बारी मुझसे लगभग 71 लाख रुपये की डिजिटल अरेस्ट कर धोखाधडी की गई है। सायबर ठगाें द्वारा बातों में लेकर 71 लाख रुपये विभिन्न बैक एकाउन्ट में ट्रांसफर करा लिये गये है।

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घटना की गंभीरता को देखते हुए  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम श्रीकृष्ण लालचंदानी को आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए, उनके निर्देश पर साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए टेक्नीकल एविडेंस जुटाए और आरोपियों का तलाश शुरू की । पुलिस ने जिन बैंक खातों में राशि ट्रांसफर हुई उसका पता लगाया, इस दौरान पुलिस को एक खाता नोयडा का मिला जिसमें 29,000 रुपये ट्रांसफर किये गए थे ।

बॉयज हॉस्टल में रहकर स्टूडेंट्स को पैसों का लालच देकर खुलवाते थे बैंक खाते 

पुलिस टीम नोयडा पहुंची और उस खाताधारक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि वो इंजीनियरिंग का चार है और नोयडा की यूनिवर्सिटी में पढ़ता है और कोटा राजस्थान का रहने वाला है पुलिस ने उसके द्वारा बताये उसके सहयोगी दो अन्य छात्रों को भी पकड़ा लिया, आरोपियों ने बताया वे बॉयज हॉस्टल में रहकर स्टूडेंट्स को पैसों का लालच देकर साइबर फ्रॉड की राशि उनमें ट्रांसफर कराने के लिये बैंक खाता खुलवाने हेतु प्रोत्साहित करते थे। उसके बाद वह स्टूडेंट्स के बैंक खातों को टेलीग्राम पर अपने चाइनीज साइबर अपराधियों को खाता भेजकर उन बैंक खातों मे सायबर फ्रॉड का पैसा लोगों से ठगी कर स्थानांतरित कराते थे। इसके एवज में चाइनीज ठगों द्वारा उन्हे 06 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था।

कमीशन काटकर शेष राशि चाइनीज साइबर अपराधियों को करते थे ट्रांसफर 

पकड़े गये आरोपियों द्वारा खातों में आए ठगी के पैसों को एटीएम कार्ड के माध्यम से नगद अथवा ऑनलाइन निकालकर 6 प्रतिशत कमीशन काटकर अन्य राशि की यूएसडीटी चाइनीज साइबर अपराधियों को उनके बताये गये वॉलेट में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया जाता था। पुलिस ने आरोपियों से 03 मोबाइल फोन, एवं विभिन्न बैंकों के 06 एटीएम कार्ड विधिवत जप्त किये गये है। पुलिस टीम द्वारा पकड़े गये आरोपियों के पास से मिले मोबाइलों से चाइनीज साइबर अपराधियों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।

पुलिस ने लोगों से किया ये अनुरोध 

एसपी धर्मवीर सिंह ने लोगों से अनुरोध किया है कि किसी अंजान नम्बर से कॉल आने पर अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड व बैक संबंधी जानकारी व ओटीपी ना बतायें । किसी प्रकार का सायबर फ्रॉड होने पर अपने नजदीकी थाना या 1930 पर सम्पर्क कर शिकायत करें।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 

पैसों के लालच ने इंजीनियरिंग छात्रों को बना दिया अपराधी, ऐसे बन गए साइबर फ्रॉड गैंग के सहयोगी


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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