जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में नदियों को देवी का स्थान प्राप्त है। लोगों की लोक आस्था इससे जुड़ी हुई है। नदी के जल से लोग पूजा-पाठ करते हैं। यहां तक कि गंगा नदी के जल से लोग अपने घर को पवित्र करते हैं। अमावस्या हो या पूर्णिमा, छठ पूजा हो या कोई अन्य पर्व-त्यौहार, जिसमें नदियों में नहाने का बहुत अधिक महत्व होता है। उस दौरान काफी ज्यादा भीड़ उमड़ती है। इन खास मौकों पर बनारस के घाट, उज्जैन, हरिद्वार में लोग भारी संख्या में डुबकी लगाने पहुंचते हैं। मान्यताओं के अनुसार, यदि गंगा नदी में डुबकी लगाई जाए तो व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इन नदियों का पानी लोगों को पीने के लिए भी पहुंचाया जाता है। इसके अलावा, खेती और सिंचाई के उपयोग में भी आता है।
अक्सर नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए ब्रिज का निर्माण किया जाता है, जिस पर से आदमी, वाहन और ट्रेन गुजरते हैं। हालांकि, आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताएंगे, जिस पर आज तक एक भी पुल नहीं बन सका है।
अमेज़न नदी
दरअसल, इस नदी का नाम अमेज़न है, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। बता दें कि इस पर आज तक एक भी पुल नहीं बनाया जा पाया है। जिसकी वजह जानकर आप सभी हैरान रह जाएंगे। इस नदी के आसपास की जगह बहुत ज्यादा जटिल है, जिस कारण यहां पुल बनाना बहुत ही मुश्किल है। नदी की चौड़ाई सूखे मौसम में 2 से 6 मील होती है। बारिश के मौसम में यह 30 मील तक पहुंच जाती है। ऐसे में पुल बनाना इंजीनियर लोगों के लिए बहुत ही बड़ी चुनौती है।
बहुत अधिक रकम होगी खर्च!
यदि पुल बनाई भी जाए, तो यह गोल्डन गेट ब्रिज से 17 गुना लंबा होना चाहिए, जो कि काफी मुश्किल है। इसके लिए बहुत ही ज्यादा रकम खर्च करने की जरूरत है। अमेज़न नदी के किनारे की मिट्टी नरम और दलदली है। यहां ज्यादातर जंगल और कम आबादी वाले इलाके नदी के आसपास मौजूद हैं। ऐसे में सड़कों का बहुत ही कम उपयोग होता है। लोग अक्सर नाव से ही नदी को पार कर लेते हैं। इसलिए जरूरत नहीं होने के कारण इस पर निवेश करना भी फिजूल खर्ची है।
लोग नहीं करते पुल की मांग
यदि पुल निर्माण का सोचा भी जाए, तो मौसमी बदलाव का यहां काफी गहरा असर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि बारिश के मौसम में अमेज़न नदी का जलस्तर बढ़कर 30 से 50 फीट तक हो जाता है, जिससे इसकी चौड़ाई और गहराई दोनों में भारी बदलाव आते हैं। इसलिए इस नदी को पार करने का सबसे आसान, सस्ता तरीका नाव है। इसके अलावा, लोग फेरी से भी इस नदी को पार कर लेते हैं। स्थानीय लोग भी पुल की मांग नहीं करते।
नदी की खासियत
नदी की खासियत अपने आप में काफी अलग है। इसकी लंबाई और चौड़ाई के कारण यह पूरे विश्वभर में जाना जाता है। लोग इस नदी को एक्सप्लोर करने और नजदीक से इसकी सुंदरता को देखने जाया करते हैं। नाव से इसे पार करने का भी अपना अलग ही मजा है, जिसका आनंद लोग उठाते हैं। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलता है।






