अब कैमिकल से फल पकाए तो भुगतना होगा जुर्माना, FSSAI ने जारी की ये गाइडलाइन

Atul Saxena
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FSSAI issued new guideline for ripening of fruits : आमतौर पर व्यापारी आम, पपीता, केले आदि फलों को ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में जल्दी पकाने के लिए “मसाला” यानि कैमिकल का उपयोग करते हैं। कैमिकल के उपयोग से फल पाक तो जल्दी जाता है लेकिन उसमें वो स्वाद नहीं होता जो होना चाहिए यानि उसकी नेचुरल पौष्टिकता खत्म हो जाती है, इसलिए अब खाद्य नियामक एजेंसी FSSAI ने इसपर प्रतिबन्ध लगा दिया है।

FSSAI ने लगाया कैमिकल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध 

Food Safety & Standards Authority of India (FSSAI) ने कैमिकल से फलों को पकाने पर रोक लगाने के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है, आदेश के तहत अब कोई भी व्यापारी फलों को पकाने के लिए कैमिकल यानि कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा, यदि उसने ऐसा किया तो उसपर जुर्माना लगेगा और कानून सम्मत एक्शन होगा।

FSSAI ने दी अब ये सलाह 

FSSAI ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि आम, केले, पपीता आदि फलों को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के  इस्तेमाल की जगह व्यापारी एयर टाईट कंटेनर (Air Tight Containers) का प्रयोग करें इससे फल को कोई नुकसान नहीं होगा। FSSAI का कहना है कि कैल्शियम कार्बाइड से घातक गैस निकलती है जिसकी वजह से ऐसे फलों को खाने वालों को कई तरह के नुकसान उठाने पड़ते हैं।

दोषियों पर हो सकती है कार्रवाई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एफएसएसएआई FSSAI ने कैल्शियम कार्बाइड पर प्रतिबन्ध को लेकर राज्य सरकारों, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इसके इस्तेमाल, बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करते हुए मिला तो उसके खिलाफ जुर्माने और कानून सम्मत कार्यवाई की जाये। FSSAI ने कहा है खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को बाजारों और मंडियों में कैल्शियम कार्बाइड के अवैध इस्तेमाल की मॉनिटरिंग करनी होगी।

कैल्शियम कार्बाइड में होती है Acetylene Gas

गौरतलब है कि सामान्य तौर पर व्यापारी आम, पपीता और केले जैसे फलों को पकाने के लिए इंडस्ट्रियल ग्रेड के कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें से Acetylene Gas निकलती है, जो इन फलों को जल्दी पका देती है लेकिन कैल्शियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फॉस्फोरस के कण होते हैं, जो इंसानों के लिए नुकसानदायक होते हैं , इन तत्वों के शरीर में पहुंचने  के बाद चक्कर आना, बहुत ज्यादा प्यास लगने, इरिटेशन होने, कमजोरी, निगलने में दिक्कत, उल्टी होना और स्किन अल्सर जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

FSSAI ने उपभोक्ताओं को भी दी सलाह 

FSSAI ने फल खाने वाले उपभोक्ताओं के लिए फल खरीदने से संबंधित कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं, एफएसएसएआई ने सलाह दी है कि आपको ऐसी ही जगह से फल खरीदना चाहिए, जहां से आप निश्चिंत हो कि फल कैमिकल से नहीं पकाए गए हैं, फलों को खाने से पहले बहुत अच्छे से धोएं,  इन्हें कुछ देर तक पानी में ही डालकर छोड़ दें, ऐसे फलों को न खरीदें जिनकी स्किन पर काले-काले से दाग पड़े हों, क्योंकि संभव है कि उन्हें कैल्शियम कार्बाइड से निकले एसिटिलीन गैस से पकाया गया हो। यदि आप इन सावधानियों को बरतेंगे तो कैमिकल युक्त फलों को खाने से बचेंगे और बीमारियों से भी दूर रहेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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