बच्चों की परवरिश करना कोई बच्चों का खेल नहीं है, अगर आपने भी यह बातें सुनी है तो बिलकुल सही सुना है। बच्चों की परवरिश करने के लिए माता-पिता को तरह-तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद भी कुछ न कुछ कमी परवरिश में रह ही जाती है। परवरिश के रास्ते में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं। वैसे तो सभी माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करते हैं, वे अपने बच्चे को हर प्रकार की सुख-सुविधा देते हैं, जितना हो सके अपने बच्चे को सिखाते हैं .
हर माता-पिता की यही कोशिश होती है कि वे अपने बच्चे को सबसे अच्छी परवरिश दें, आपका बच्चा ख़ूब पढ़े लिखे, अच्छे-अच्छे संस्कार सीखें और जीवन में बहुत आगे बढ़ें। जैसे जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे वैसे बच्चों की परवरिश करने का तरीक़ा भी बदलता जा रहा है, आजकल बच्चों को कितनी भी सुख सुविधाएँ क्यों ना दे दें उन्हें हमेशा कुछ न कुछ कमी लगती ही रहती है। क्या आप जानते हैं की बच्चों को सिर्फ माता पिता का लाड़ प्यार नहीं बिगाड़ता बल्कि कुछ ऐसी आदतें होती हैं जो उन्हें बिगाड़ देती है।

ये गलतियां बिगाड़ सकती हैं बच्चे का भविष्य (Parenting Mistakes)
चीजों की अहमियत न समझना
कई बार बच्चों को हद से ज़्यादा सुख सुविधाएँ उपलब्ध करवाना माता पिता के लिए नुकसानदायक हो सकता है। जब चीज़ें आसानी से मिल जाती है तो बच्चे मेहनत करने की ज़रूरत नहीं समझते हैं। हर तरह की चीज़ें बिना मेहनत कि मिल जाना, बच्चों में ग़लत आदत डालता है। जीवन में सफलता पाने के लिए धैर्य और मेहनत दोनों ही बराबर होनी चाहिए। इसलिए बचपन से ही बच्चों को मेहनत की अहमियत सिखाना चाहिए।
हद से ज्यादा स्क्रीन टाइम
यह कहना बिलकुल भी ग़लत नहीं होगा कि आज कल सब कुछ डिजिटल हो चुका है, पढ़ाई लिखाई से लेकर नौकरी तक सब कुछ डिजिटल होने लगी है। ऐसे में बच्चे भी मोबाइल में लगे रहते हैं, लेकिन हद से ज़्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हुआ है। बच्चों को लगने लगा है कि पूरी दुनिया मोबाइल और लैपटॉप में समा चुकी है, वे इसके अलावा दुनिया को समझ ही नहीं पाते हैं। लोगों से मिलना जुलना, बात करना, सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होना बच्चों ने बिलकुल कम कर दिया है।
खुद की परेशानी को सॉल्व न कर पाना
माता-पिता बच्चों की हर मुसीबत में साथ देते हैं, बच्चों की हर परेशानियों को ख़ुद से ही हल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता पिता का इस तरह बार बार बच्चों की परेशानियों को हल करना और बचाव करना बच्चों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। माता पिता कि इस आदत की वजह से बच्ची कभी भी ख़ुद की परेशानी को ख़ुद से हल नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उन्होंने देखा है कि बचपन से ही हर मुसीबत में उनके माता पिता उनका साथ देते हैं, बच्चों को ख़ुद की प्रॉब्लम सॉल्व करना आना चाहिए, और माता पिता को यह आदत बचपन से ही बच्चों को सिखाना चाहिए।
अनुशासन की कमी
बच्चों की अच्छी परवरिश करना उन्हें अच्छे-अच्छे संस्कार सिखाना ज़रूरी है, लेकिन संस्कारी होने के साथ साथ बच्चों में अनुसासन होना भी उतना ही ज़रूरी है। अक्सर देखा जाता है कि बच्ची संस्कारी होते हैं लेकिन उसमें अनुशासन नहीं होता। ऐसे में माता पिता को बचपन से ही बच्चों को सही ग़लत सिखाना चाहिए, बच्चों को बढ़ो का मान सम्मान करना सिखाना चाहिए, और अपने बराबर ही काफ़ी छोटे बच्चों सी तमीज़ से बात करना सिखाना चाहिए, ये छोटी छोटी आदतें बच्चों को भविष्य में ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।