Parenting Tips: जब प्यार की बात आती है तो माता-पिता का प्यार सबसे अनमोल और सच्चा माना जाता है। माता-पिता हमेशा अपने बच्चों की खुशियों के लिए हर संभव प्रयास करते हैं और उनकी भलाई के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार रहते हैं। फिर भी घर के माहौल में अक्सर देखा जाता है कि भाई बहनों के बीच प्यार और ध्यान को लेकर प्रतिस्पर्धा होती है।
छोटे बच्चों को अक्सर यह महसूस होता है की माता-पिता का प्यार बड़े बच्चों के प्रति अधिक है। जबकि बड़े बच्चों को लगता है कि छोटे को हर चीज में विशेष प्राथमिकता मिलती है। ऐसे में माता-पिता की भावनाएं कभी-कभी बच्चों में इस भ्रम को जन्म देती है कि उन्हें एक दूसरे से कम प्यार किया जा रहा है। इस स्थिति में बच्चों के साथ पारिवारिक संबंध और समाज को बनाए रखना बहुत जरूरी है, ताकि हर बच्चे को अपने माता-पिता के प्यार का एहसास हो सके।
प्यार के अलग रूप और बच्चों की भावनाएं
प्यार एक ऐसा एहसास है, जिसे हर माता-पिता अपने बच्चों के लिए बराबर महसूस करते हैं। लेकिन इसे दर्शाने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। अक्सर बच्चे इस अंतर को नहीं समझ पाते हैं और इस भेदभाव के रूप में लेने लगते हैं। उदाहरण के लिए माता-पिता बड़े बच्चों के साथ कुछ गंभीर विषयों पर चर्चा कर सकते हैं। जबकि छोटे बच्चों के लिए बातचीत का तरीका सरल और खेल खिलौने से भरा होता है।
इस स्थिति में छोटे बच्चे खुद को अलग-अलग महसूस कर सकते हैं और सोचने लगते हैं कि उन्हें प्यार नहीं किया जा रहा है इस तरह की भावनाएं बच्चों के मन में आत्मसम्मान को प्रभावित कर सकती है। इसलिए माता-पिता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सभी बच्चों को एक समान प्यार दें और उन्हें यह महसूस कराएं की हर एक बच्चे के प्रति उनका प्यार अनमोल है भले ही इसे प्रकट करने के तरीके अलग है।
बच्चों की जरूरतों को समझकर प्रेम बढ़ाना
माता-पिता का प्यार बच्चों के लिए अनमोल होता है। लेकिन कभी-कभी यह प्यार उस रूप में नहीं पहुंच पाता जिसकी बच्चों को आवश्यकता होती है। हर बच्चे की अपनी खासियत और जरूरत होती है और माता-पिता को यह समझना जरूरी है, कि उन्हें किस प्रकार के प्यार की आवश्यकता है। कभी-कभी बच्चे खुद को अनदेखा महसूस करते हैं।
क्योंकि माता-पिता बड़े बच्चों के लिए गंभीर मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं। जबकि छोटे बच्चों के साथ बात करने का तरीका और खेल का समय अधिक होता है। यदि माता-पिता अपने बच्चों को ध्यान से समझें और उनकी भावनाओं को पहचानें, तो वह इस खटास को दूर कर सकते हैं और सभी बच्चों को सामान प्रेम का अनुभव कर सकते हैं। इस प्रकार एक संवेदनशील और समझदारी से भरी दृष्टिकोण बच्चों के बीच प्रेम बढ़ाता है।
क्या पेरेंट्स करते हैं बच्चों में भेदभाव
बच्चों के बीच प्यार और देखभाल का भेदभाव अक्सर समाज के नियमों की वजह से होता है। बड़े बच्चों को हमेशा जिम्मेदारियां का एहसास करना होता है। जैसे कि उन्हें सीखना की परिवार को कैसे संभालना है। इसके चलते बड़े समझते हैं कि उन पर अधिक बोझ है।
वहीं छोटे बच्चों को उनकी उम्र के कारण ज्यादा लाड़ प्यार मिलता है और उनकी छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज किया जाता है। यही वजह है कि लोग सोचते हैं कि छोटे बच्चों को ज्यादा प्यार किया जाता है। असल में यह प्यार का एक अलग तरीका है जो बच्चों के विकास और मानसिकता पर असर डालता है।