Parenting Tips: आज के भागदौड़ भरे जीवन में, बच्चों पर भी तनाव और चिंता का बोझ बढ़ता जा रहा है। कई बार यह बोझ इतना भारी हो जाता है कि वे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। बचपन में डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है, जिसके परिणाम जीवन भर रह सकते हैं। बदलती लाइफस्टाइल का असर न सिर्फ बड़े बल्कि बच्चों पर भी साफ-साफ देखने को मिलता है। बच्चों के डिप्रेशन का शिकार होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनके बारे में आज हम आपको इस लेख में विस्तार में बताएंगे, तो चलिए जानते है।
बच्चे इस वजह से हो जाते है डिप्रेशन का शिकार
1. तनाव और चिंता
अध्ययनों से पता चला है कि तनाव और चिंता बच्चों में अवसाद का एक प्रमुख कारण हो सकते हैं। स्कूल का काम, परीक्षाएं, सामाजिक दबाव, और पारिवारिक समस्याएं बच्चों में तनाव और चिंता पैदा कर सकती हैं।
2. जेनेटिक
कई बार जेनेटिक भी इस समस्या का मुख्य कारण हो सकता हैं। यदि परिवार में किसी सदस्य को अवसाद है, तो बच्चों में भी अवसाद होने का खतरा बढ़ जाता है।
3. अनुकूलन की कमी
नए स्कूल में जाना, किसी प्रियजन का निधन, या माता-पिता के तलाक जैसी घटनाएं बच्चों के लिए अनुकूलन करना मुश्किल बना सकती हैं। यह अनुकूलन की कमी अवसाद का कारण बन सकती है।
4. सेल्फ एस्टीम की कमी
जिन बच्चों का आत्मसम्मान यानी सेल्फ एस्टीम कम होता है, उनमें अवसाद होने की संभावना अधिक होती है। कम आत्मसम्मान वाले बच्चे खुद को दूसरों से कमतर समझते हैं और उन्हें लगता है कि वे किसी भी काम में सफल नहीं हो सकते।
5. शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं
कुछ शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे कि थायरॉयड की समस्याएं, मधुमेह, और मोटापा, बच्चों में अवसाद का कारण बन सकती हैं।
बच्चों के डिप्रेशन के कारण
उदास और चिड़चिड़ा महसूस करना, पसंदीदा गतिविधियों में कोई रूचि न होना, मित्रों और सामाजिक स्थितियों से दूर हो जाना, कार्यों में आनन्द न ले पाना, अस्वीकृत और अप्रिय या बेकार महसूस करना, भूख में बदलाव, नींद में बदलाव, एकाग्रता में कमी, थकान और कम ऊर्जा, आत्महत्या के विचार आदि शामिल है। यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक से संपर्क करें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)