Parenting Tips: क्या आपका बच्चा भी चार लोगों के बीच करता है बदतमीजी, बिना डांटे इन ट्रिक्स की मदद से सिखाएं मैनर्स

Parenting Tips: क्या आपका बच्चा अक्सर उल्टे जवाब देता है, आपकी बात नहीं सुनता और जिद करता है? चिंता न करें, आप अकेले नहीं हैं। कई माता-पिता को अपने जिद्दी बच्चों से जूझना पड़ता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ आसान ट्रिक्स अपनाकर आप अपने बच्चे के व्यवहार में सुधार ला सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: सभी माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी से अच्छी परवरिश करना चाहते हैं। छोटे बच्चे बहुत ही शरारती और चंचल होते हैं। बच्चों का यह व्यवहार कई माता-पीताओं के लिए चुनौती बन जाता है। अक्सर छोटे बच्चे क्या कहते हैं उन्हें खुद नहीं पता होता है। जिस वजह से कई बार में बड़े लोगों को उल्टा जवाब दे देते हैं या किसी की बात नहीं मानते हैं। ऐसे में माता-पिता की चिंताएं बढ़ जाती है कि आखिर बच्चों को अनुशासन सिखाएं तो कैसे सिखाएं? छोटे बच्चे एक कच्ची मिट्टी का घड़ा जैसे होते हैं। जिन्हें आप जैसा बनना चाहे वह वैसा बन जाते हैं। इसलिए बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार, अनुशासन, बातचीत करने का तरीका सिखाना चाहिए। जिससे कि बड़े होते होते उन्हें यह सारी चीजें अलग से सीखने की जरूरत ना पड़े, ना ही उन्हें चार लोगों के बीच में शर्मिंदा होना पड़े। आज हम खासतौर पर बताएंगे कि अगर आपका भी बच्चा उल्टा जवाब देता है तो आप उसे बिना डांटे बिना मारे किस प्रकार सुधार सकते हैं और किस प्रकार अनुशासन सीख सकते हैं।

बच्चों को कैसे सिखाएं अनुशासन

खुद पर दें ध्यान खुद

अक्सर जब बच्चे उल्टा जवाब देते हैं तो हर माता-पिता की यही शिकायत होती है कि हमारा बच्चा उलटे जवाब देता है हमारा बच्चा ऐसा है वैसा है। लेकिन आपको सबसे पहले यह समझना होगा कि आप खुद अपने बच्चों के सामने किस प्रकार की बातें करते हैं, किन शब्दों का उपयोग करते हैं, क्या आप अपने बच्चों के सामने हमेशा दूसरों की बुराई करते हैं या झूठ बोलते हैं। अगर आप खुद यह सारी चीज करते हैं तो बच्चों पर इसका बुरा असर जरूर पड़ेगा। इन सब बातों का असर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिस वजह से बच्चे का व्यवहार चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता है।आप एक माता-पिता है और आप चाहते हैं कि आपका बच्चा हमेशा अनुशासन में रहे तो सबसे पहले आपको खुद को अनुशासित करना होगा।

बच्चों को पूछने दें प्रश्न

छोटे बच्चों की आदत होती है कि वह बार-बार प्रश्न करते हैं। कई बार माता-पिता तंग आकर उन्हें डांट देते हैं या फिर उनके प्रश्नों को बकवास कहने लगते हैं। अगर आपका बच्चा भी आपसे बार-बार प्रश्न करता है तो आपको चिड़ना नहीं है बल्कि अपने बच्चों के हर प्रश्न का उत्तर उदाहरण के साथ दें। उन्हें हर प्रश्न का तर्क समझाएं। अगर आप उन्हें प्रश्न पूछने पर डाटेंगे तो उन्हें लगेगा कि आपको प्रश्न के उत्तर नहीं आते हैं और उनके प्रश्न पूछना गलत है।

बच्चों की तारीफ करें

छोटे बच्चों को उनकी गलतियों से रोकना और उन्हें सही मार्गदर्शन देना ज़रूरी है। लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण है उनके अच्छे कामों की सराहना करना और उन्हें प्रोत्साहित करना। जब बच्चों की तारीफ की जाती है, तो इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। वे खुद पर विश्वास करने लगते हैं और अपनी क्षमताओं पर भरोसा करते हैं। जब बच्चों को लगता है कि उनके प्रयासों को सराहा जाता है, तो वे और अधिक करने के लिए प्रेरित होते हैं। वे नई चीजें सीखने और चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्सुक रहते हैं। जब बच्चों को उनके अच्छे व्यवहार के लिए पुरस्कृत किया जाता है, तो वे उस व्यवहार को दोहराने की अधिक संभावना रखते हैं।जब आप अपने बच्चों की सराहना करते हैं, तो यह आपके बीच मजबूत संबंध बनाता है।

बच्चों की गलती पर न हंसे

बच्चों के व्यवहार और चरित्र निर्माण में माता-पिता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। छोटे बच्चों को जब गलत करते हुए देखकर हंसा जाता है, या अपशब्दों को अनदेखा कर दिया जाता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव उनके स्वभाव पर पड़ सकता है। यदि आप अपने बच्चे को गलत करते हुए देखते हैं, तो उसे अनदेखा न करें। उनके व्यवहार को शांत और समझदारी से सही करें। उन्हें बताएं कि उनका व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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