Parenting Tips: क्या आपका बच्चा भी दिन पर दिन बनता जा रहा है जिद्दी, तो हो सकती है आपकी ये गलतियां, आज से ही सुधारें

Parenting Tips: बच्चों की जिद्दीपन और बिगड़ैलपन की आदतों को बदलने के लिए माता-पिता को धैर्य और समझदारी से काम लेना चाहिए। उन्हें बच्चों के साथ बातचीत करनी चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए कि उनकी आदतें गलत हैं।

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Parenting Tips: बच्चों की अच्छी परवरिश करना माता-पिता के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़-लिखकर आगे बढ़े, अच्छे-अच्छे संस्कार सीखें, और जीवन में खूब तरक्की करें। हर माता-पिता अपने बच्चों को बड़े ही लाड़-प्यार से रखते हैं उनकी हर जरूरतों को पूरा करते हैं। लेकिन बच्चे दिन पर दिन जिद्दी हो जाते हैं और फिर वे माता-पिता की बातों को ही नजरअंदाज करने लगते हैं। बच्चे का जिद्दी और बिगड़ैल होना हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय होता है। बच्चों की जिद की वजह से माता-पिता बहुत परेशान हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता-पिता की ही कुछ ऐसी आदतें होती हैं जो उन्हें बिगड़ैल और जिद्दी बना देती है। इसी के चलते आज हम आपको इस लेख के द्वारा विस्तार में माता-पिता की उन आदतों के बारे में बताएंगे जिनके कारण बच्चे जिद्दी हो जाते हैं, तो चलिए जानते हैं।

माता-पिता के किन आदतों की वजह से बिगड़ जाते हैं बच्चे

1. हर मांग को पूरा करना

जब माता-पिता बच्चे की हर मांग को पूरा करते हैं, तो बच्चे को यह लगने लगता है कि वे सब कुछ हासिल कर सकते हैं, चाहे वह कितना भी अनुचित या गलत क्यों न हो। यह उन्हें जिद्दी बना सकता है, क्योंकि वे जानते हैं कि अगर वे जिद करेंगे तो उन्हें अपनी मांगें पूरी करवाने में सफलता मिलेगी।

2. अनुशासन की कमी

यदि माता-पिता बच्चों को अनुशासन नहीं सिखाते हैं, तो बच्चे अपनी मर्जी से काम करने लगते हैं। यह उन्हें जिद्दी और बिगड़ैल बना सकता है, क्योंकि वे नियमों का पालन करने या दूसरों की बात मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं।

3. अत्यधिक लाड़-प्यार

जब माता-पिता बच्चों पर अत्यधिक लाड़-प्यार करते हैं, तो बच्चे यह सोचने लगते हैं कि वे दुनिया के केंद्र हैं और उन्हें विशेष व्यवहार मिलना चाहिए। यह उन्हें जिद्दी और बिगड़ैल बना सकता है, क्योंकि वे अपनी इच्छाओं को दूसरों की इच्छाओं से ऊपर रखते हैं।

4. गलतियों के लिए माफी नहीं मांगना

जब माता-पिता अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते हैं, तो बच्चे यह सीखते हैं कि गलतियों के लिए माफी मांगना गलत है। यह उन्हें जिद्दी बना सकता है, क्योंकि वे अपनी गलतियों को स्वीकार करने या माफी मांगने के लिए तैयार नहीं होते हैं।

5. बच्चों की तुलना करना

जब माता-पिता बच्चों की तुलना दूसरों से करते हैं, तो बच्चे हीन भावना और आत्म-सम्मान की कमी महसूस करते हैं। यह उन्हें जिद्दी और बिगड़ैल बना सकता है, क्योंकि वे दूसरों से बेहतर बनने की कोशिश करते हैं और अपनी कमियों को स्वीकार नहीं करते हैं।

बच्चों को जिद्दी और बिगड़ैल बनने से रोकने के लिए माता-पिता क्या कर सकते हैं:

  • बच्चों को अनुशासन सिखाएं और नियमों का पालन करें।
  • बच्चों की हर मांग को पूरा न करें।
  • बच्चों को गलतियों के लिए माफी मांगना सिखाएं।
  • बच्चों की तुलना दूसरों से न करें।बच्चों को प्यार और समान दें।

    Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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