Parenting Tips: छोटे बच्चों को सिखाएं ये 5 आदतें, हर कोई करेगा प्रशंसा

Parenting Tips: बच्चे स्पंज की तरह होते हैं, जो अपने आसपास देखते- सुनते हैं, उसे तेजी से सीख लेते हैं। 5 साल की उम्र तक बच्चों का दिमाग तेजी से विकास कर रहा होता है, इसलिए यह समय उन्हें अच्छी आदतें सिखाने का सुनहरा अवसर है। आइए जानते हैं 5 ऐसी बातें, जिन्हें 5 साल की उम्र से पहले अपने बच्चे में बिठा दें, तो हर तरफ उनकी तारीफें बिखरेंगी।

Parenting Tips

Parenting Tips: आज का दौर तेज़ी से बदल रहा है, और इसके साथ ही बदल रहे हैं बच्चे और उनकी परवरिश के तरीके। 10 साल पहले की तुलना में आज बच्चों का जीवन और सोचने का तरीका काफी अलग है। जॉइंट फैमिली का सिस्टम कमज़ोर हो रहा है, और दोनों माता-पिता कामकाजी होने के कारण बच्चों की परवरिश में कई चुनौतियां आती हैं। ऐसे में, ज़रूरी है कि हम अपनी परवरिश के तरीकों को भी बदलें और बच्चों को 21वीं सदी के लिए तैयार करें।

छोटे बच्चों को सिखाएं ये 5 आदतें

आत्मविश्वास का कवच

अपने बच्चे को “मैं कर सकता हूँ” का मंत्र दें। उसकी हर छोटी-बड़ी कोशिशों को सराहें, चाहे वो ब्लॉक लगाना हो या खुद जूते पहनना। गलतियों को सीखने का मौका दें। उसे बताएं कि गलती करना बुरा नहीं है, बल्कि उससे सीखना जरूरी है।

बातचीत का हुनर

अपने बच्चे को खुलकर बात करना सिखाएं। उसकी बातों को ध्यान से सुनें और सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। भावनाओं को शब्दों में पिरोना सिखाएं। गुस्से में चिल्लाने की बजाय अपनी भावनाओं को बताने का तरीका समझाएं। उसे दुकानदार से बात करने या अपरिचित बच्चों के साथ खेलने का मौका दें।

दोस्ती का धागा

दूसरों के साथ खेलना सिखाएं। बारी लेना, खिलौने साझा करना और मिलकर काम करना बचपन में ही सीख लेना चाहिए। दूसरों की भावनाओं को समझना और उनका सम्मान करना सिखाएं। उसे बताएं कि दूसरों को अच्छा महसूस कराने से खुद भी अच्छा लगता है।

नियमों की डोर

हर घर में कुछ नियम होते हैं। अपने बच्चे को उन्हें समझाएं और उनका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। अनुशासन का मतलब सजा नहीं, बल्कि सही गलत का बोध कराना है। सकारात्मक सुदृढीकरण का इस्तेमाल करें, जैसे कि तारीफ या छोटे-मोटे पुरस्कार।

आज़ादी का पंख

अपने बच्चे को धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बनाएं। उम्र के हिसाब से उसे छोटे- मोटे काम खुद करने दें, जैसे कि अपना बिस्तर समेटना या खाने की टेबल सेट करना। गलतियों से सीखने का मौका दें। उसे खुद को संभालने और अपनी समस्याएं सुलझाने की कोशिश करने दें।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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