Parenting Tips: बच्चा नहीं मानता हैं बात देता हैं उल्टे जबाव, बिना डांटे ऐसे सिखाएं अनुशासन

Parenting Tips: बच्चों को अनुशासन सिखाना हर माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। डांट-फटकार और सजा देने के पुराने तरीकों की जगह अब प्यार और समझदारी से सिखाने पर ज़ोर दिया जाता है।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है वैसे-वैसे माता-पिता की चिंताएं बढ़ने लगी है। आजकल के बच्चों को संभालना माता-पिता के लिए चुनौती बनकर उभरा है। सभी माता-पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छे संस्कार सीखे और अनुशासन में रहे। अपने बच्चों को सबसे बेहतर बनाने के लिए माता-पिता अच्छी से अच्छी परवरिश करने की कोशिश करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब बच्चे 2 से 5 साल तक की उम्र के रहते हैं तब उनमें कई प्रकार का विकास होता है इस उम्र में हम बच्चों को जैसा सिखाते हैं वह वैसे ही बनते हैं। इसलिए 2 से 5 साल तक की उम्र में अपने बच्चों को अनुशासन सीखाना हर माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है।

1. सकारात्मक माहौल बनाएं

बच्चों को प्यार और सम्मान से बात करें, ताकि वे भी ऐसा ही व्यवहार करें। उनके अच्छे कामों की सराहना करें और उन्हें प्रोत्साहित करें, ताकि वे आगे भी अच्छा करने के लिए प्रेरित रहें। उन्हें बताएं कि क्या करना सही होता है और क्या करना सही नहीं होता है। उन्हें अच्छे बुरे का फर्क समझाएं। बच्चे आपके व्यवहार को देखकर सीखते हैं। इसलिए, यदि आप चाहते हैं कि वे नियमों का पालन करें, तो आपको भी उनका पालन करना चाहिए।

2. धैर्य और समझदारी रखें

हर कोई गलतियां करता है। बच्चों को अपनी गलतियों से सीखने दें, बच्चों की भावनाओं को समझें और उनका सम्मान करें। जब वे गुस्से में या परेशान हों तो शांत रहें और उनकी बात सुनें। बच्चों को अपनी भावनाओं को स्वस्थ तरीके से व्यक्त करने में मदद करें। बच्चों की भावनाओं को समझने और उनसे सहानुभूति रखने का प्रयास करें।

3. अच्छे से बात करें

बच्चों को स्पष्ट और संक्षिप्त निर्देश दें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे आपकी बात समझते हैं, उनसे सवाल पूछें। बच्चों से बातचीत करें और उनकी राय सुनें। नकारात्मक शब्दों के बजाय सकारात्मक भाषा का प्रयोग करें।

4. सकारात्मकता का उपयोग करें

जब बच्चे अच्छा व्यवहार करते हैं, तो उनकी प्रशंसा करें और उन्हें पुरस्कृत करें। उन्हें उनकी उम्र और क्षमता के अनुसार चुनौतियाँ दें। जब वे किसी चुनौती को पूरा करते हैं, तो उनकी सफलता का जश्न मनाएं। बढ़ते हुए बच्चों को धीरे-धीरे स्वतंत्रता दें ताकि वे जिम्मेदारी लेना सीख सकें।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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