बच्चों को बनाना है स्मार्ट और ऑलराउंडर? तो जरूर सिखाएं उन्हें ये आदतें

हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा जीवन में सफल और आत्मनिर्भर बने. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि बच्चे को सही मार्गदर्शन और अच्छी आदतों की सीख दी जाए. बचपन में सिखाई गई अच्छी आदतें उनके भविष्य की बुनियाद होती हैं.

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: बच्चों की परवरिश करना माता-पिता का सबसे बड़ा काम होता है. माता-पिता के द्वारा सिखायी गयी अच्छी आदतें बच्चों को बचपन से ही समझदार और संस्कारी बना देती है. बचपन की ये अच्छी आदतें भविष्य में अच्छा आकार लेती हैं.

सभी माता पिता की यही ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ाई-लिखाई करें ख़ूब मेहनत करें और जीवन में आगे आगे बढ़ें. इसके लिए वे अपने बच्चों को अच्छी आदतें और संस्कार भी सिखाते हैं.

बच्चों को बनाना है स्मार्ट और ऑलराउंडर ? (Parenting Tips)

बच्चों को समय की अहमियत, ज़िम्मेदारी, मेहनत और ईमानदारी जैसी आदतें सिखाना बहुत ज़रूरी होता है. ये आदतें ना सिर्फ़ बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने में मदद करती हैं बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में भी मदद करती है. इससे बच्चों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का विकास भी होता है.

सिखाएं समय की अहमियत

बच्चों को समय की अहमियत सिखाना बहुत ज़रूरी होता है. टाइम मैनेजमेंट से बच्चे न केवल अपनी पढ़ाई और खेल के बीच बैलेंस बना पाते हैं. बल्कि वे अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन को भी बेहतर तरीक़े से जी सकते हैं.

इसके लिए माता पिता को अपने बच्चों को बचपन से ही एक अच्छी दिनचर्या सिखाना चाहिए जिसमें समय का सही इस्तेमाल हो सके. उन्हें बताया कि समय कितना क़ीमती है और हर काम को सही समय पर करना कितना ज़रूरी है. जब बच्ची कम उम्र में ही समय का मतलब समझने लगते हैं तो बड़े होते होते वे अपने आप ज़िम्मेदार और समझदार बन जाते हैं.

पॉज़िटिव रहना सिखाएं

बच्चों को हर परिस्थिति में पॉज़िटिव सोच अपनाने की आदत डालनी चाहिए. जब बच्चों को यह सिखाया जाता है कि जीवन में चुनौतियां तो आएंगी ही लेकिन उन्हें हमें हमेशा पॉज़िटिव रहकर सोल्व करना है, तो ऐसे में बच्ची हर समस्या का हल बहुत ही पॉज़िटिव तरीक़े से ढूंढ लेते हैं और परिस्थिति को संभाल सकते हैं. यह आदत बच्चों को मानसिक तौर पर भी मज़बूत करती है.

सभी का सम्मान करना सिखाएं

बच्चों को यह सिखाएं कि उन्हें न सिर्फ़ बड़े बल्कि छोटों का भी सम्मान करना चाहिए. जब बच्ची एक दूसरे का सम्मान करना सीखते हैं तो वे जीवन में ख़ूब आगे बढ़ते हैं. बच्चों को सिखाएं कि उन्हें कभी भी उम्र, धर्म या जाति का भेदभाव नहीं करना चाहिए. यह अच्छी आदत न सिर्फ़ उन्हें दूसरों से अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करेगी बल्कि उनकी नैतिकता और संवेदनशीलता को भी बढ़ावा देगी.

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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