MPPSC चयन प्रक्रिया को लेकर उमंग सिंघार ने खड़े किए सवाल, पूछा पारदर्शिता क्यों नहीं?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल, उन्होंने एमपीपीएससी की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर सरकार से गंभीर सवाल पूछे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार छात्रों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।

Rishabh Namdev
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मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमंग सिंघार ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। उमंग सिंघार ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए चयन प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। दरअसल, सिंघार ने कहा कि आयोग की भूमिका छात्रों के हित में होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान समय में उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।

वहीं, उमंग सिंघार ने MPPSC की चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि परीक्षा समय पर आयोजित नहीं होती हैं और छात्रों का भविष्य अंधेरे में लटक जाता है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने इंटरव्यू के दौरान पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिकॉर्डिंग की मांग भी की है।

पारदर्शिता को लेकर उमंग सिंघार ने उठाए सवाल

सरकार पर सवाल खड़े करते हुए उमंग सिंघार ने कहा कि “MPPSC में करीब तीन से चार लाख छात्र परीक्षा देते हैं, लेकिन उनकी परीक्षाएं समय पर नहीं होती हैं। उन छात्रों को उनकी कॉपियां नहीं दिखाई जाती हैं। सरकार बच्चों के साथ भेदभाव कर रही है। सरकार को अब बच्चों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। अगर छात्र अपनी कॉपी देखना चाहते हैं, तो उन्हें दिखाना चाहिए कि उन्हें कितने अंक मिले हैं। पारदर्शिता सरकार को रखनी चाहिए।” उमंग सिंघार ने चयन प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता नहीं दी जाती है। इंटरव्यू प्रक्रिया में रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

इस खिलवाड़ के लिए कौन जिम्मेदार है?

दरअसल, कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एमपीपीएससी की इन कमियों को सरकार लगातार नजरअंदाज कर रही है। छात्रों के भविष्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ के लिए कौन जिम्मेदार है? जल्द ही सरकार को इसका समाधान निकालना चाहिए। छात्रों की मांगें मानी जानी चाहिए। चयन प्रक्रिया में सुधार किया जाना चाहिए और परीक्षा के समय को लेकर भी सरकार को सख्ती बरतनी चाहिए। इसके साथ ही, इंटरव्यू में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी तकनीकी साधनों का उपयोग सरकार को करना चाहिए।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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