Plant-Based Diet : इन दिनों प्लांट-बेस्ड डाइट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछ न सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़े कारण हैं बल्कि ये मुद्दा पर्यावरण और नैतिक पहलू से भी जुड़ा हुआ है। प्लांट-बेस्ड डाइट एक आहार शैली है जिसमें मुख्य रूप से पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है। इस आहार में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, नट्स, बीज और फलियाँ शामिल हैं। इस डाइट का खास फोकस पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देना है।
हालांकि, प्लांट-बेस्ड डाइट पूरी तरह से वीगन (पशु उत्पादों से मुक्त) हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है। ये व्यक्तिगत रुचि पर आधारित हो सकता है और शाकाहारी, अर्ध-शाकाहारी या फ्लेक्सिटेरियन (समय-समय पर मांस का सेवन) हो सकती है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य पौधों से मिलने वाले पोषण पर केंद्रित होता है। लेकिन इसका फोकस पौधों पर आधारित पोषण पर अधिक होता है। इसे व्यक्ति अपनी अभिरुचि, आवश्यकता और अवसर के अनुसार चुन सकता है।

क्या है Plant-Based Diet
प्लांट-बेस्ड डाइट एक ऐसा आहार है जो मुख्य रूप से पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों पर आधारित होता है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, बीमारियों की रोकथाम करना और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है। इस डाइट में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, मेवे और बीज, फलियां, पौधों पर आधारित तेल, दूध के प्लांट बेस्ड विकल्प सम्मिलित होते हैं। प्लांट-बेस्ड डाइट में मुख्य रूप से पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और इसमें विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, मेवे और बीज, फलियां, पौधों पर आधारित तेल, दूध के प्लांट बेस्ड विकल्प सम्मिलित होते हैं।
प्लांट-बेस्ड डाइट से होने वाले लाभ
यह डाइट फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होती है जो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। इनमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित रहता है और दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है। कई शोधों में पाया गया है कि पौधों से प्राप्त भोजन हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने में सहायक होता है। Journal of the American Heart Association के अनुसार, प्लांट-बेस्ड आहार लेने वालों में हृदय रोगों का जोखिम 16% तक कम हो सकता है। प्लांट-बेस्ड फूड्स में प्रोबायोटिक्स और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो आंत की सेहत को बेहतर बनाने में सहायक है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे वजन संतुलित रखने में मदद मिलती है। यह आहार लंबे समय तक पेट भरा रखता है, जिससे बार बार खाने की इच्छा कम हो जाती है। फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर प्लांट-बेस्ड डाइट ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होती है। American Diabetes Association के अनुसार, यह डाइट टाइप 2 मधुमेह को रोकने और नियंत्रित करने में कारगर साबित हो सकती है। British Medical Journal (BMJ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पौधों पर आधारित आहार लेने वालों में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है ।
पर्यावरणीय स्थिरता
प्लांट-बेस्ड भोजन का चलन पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ भी जुड़ा है। पशु-आधारित खाद्य पदार्थों के उत्पादन में अधिक पानी, भूमि और ऊर्जा का उपयोग होता है और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी अधिक होता है। इसके उलट, प्लांट-बेस्ड भोजन पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होता है। United Nations (UN) की रिपोर्ट के अनुसार, प्लांट-बेस्ड डाइट से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी कमी लाई जा सकती है, जिससे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है ।
पशु क्रूरता के खिलाफ जागरूकता
पशु अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ने से लोग अब मांस और डेयरी उत्पादों के बजाय पौधों से मिलने वाले विकल्पों की ओर ध्यान दे रहे हैं। पशु क्रूरता के खिलाफ जागरूकता और नैतिक कारणों से भी प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाई जा रही है। प्लांट-बेस्ड उत्पादों के लिए बाजार में नए-नए विकल्प जैसे कि प्लांट-बेस्ड मीट और डेयरी उत्पाद (जैसे सोया दूध, बादाम का दूध) उपलब्ध हो रहे हैं। ये विकल्प स्वाद और पौष्टिकता में पारंपरिक उत्पादों के करीब होते हैं, जिससे लोग इसे आसानी से अपना रहे हैं।
(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं।)