गुड़हल की ग्रोथ के लिए खाद में डालें 1 चम्मच ये किचन की चीज, फूलों की आएगी बहार

गुड़हल के पौधे की ग्रोथ को बेहतर बनाने के लिए आप खाद में 1 चम्मच किचन की एक खास चीज मिला सकते हैं। यह सरल उपाय न केवल पौधे को आवश्यक पोषण देगा।

भावना चौबे
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Hibiscus Plant

Plant Care: घर में तरह-तरह के पौधे लगाने का शौक सभी को होता है। ज्यादातर लोगों को अपने घर में रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाना अच्छा लगता है। शहरों में लोगों के घरों में ज्यादा जगह नहीं होती है इसलिए लोग अपनी बालकनी या फिर छत पर तरह-तरह के पौधे लगाते हैं। वही गांव में लोगों के पास काफी जगह होती है तो वह अपने घर के आसपास की जगह को गार्डन के रूप में तब्दील कर देते हैं। रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे में से एक है गुड़हल का पौधा।

गुड़हल के पौधे में फूल ना खिलाना एक आम समस्या है। इसकी वजह से पौधे की खूबसूरती कम हो जाती है। कई बार पौधे को सही पोषण ना मिलने के कारण ऐसा होता है। अगर आपके भी गुड़हल के पौधे में फूल नहीं खिल रहे हैं, तो आप उसमें एक चम्मच किचन में पाई जाने वाली यह चीज मिला सकते हैं। चलिए जानते हैं वह चीज क्या है और इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे बनाएं गुड़हल के लिए प्राकृतिक खाद

गुड़हल के पौधों को स्वस्थ और खूबसूरत बनाए रखने के लिए चायपत्ती, सूखे केले के छिलके और पानी की मदद से आप घर पर ही एक प्राकृतिक खाद बना सकते हैं। यह प्राकृतिक खाद पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। जिससे उनकी वृद्धि में सुधार होता है और फूलों की चमक बढ़ती है।

1. सबसे पहले केले के छिलकों को अच्छी तरह से सुखाकर, पीसकर पाउडर बना लें।

2. एक बर्तन में 1 लीटर पानी लें और इसमें दो बड़ा चम्मच चायपत्ती और केले के छिलके का पाउडर डालें।

3. इस मिश्रण को 2 घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें इससे सामग्री के पोषक तत्व निकल जाएंगे।

4. 2 घंटे बाद जब पानी का रंग बदल जाए तो उसे 1 लीटर सादे पानी के साथ मिलाएं।

5. इसके बाद गुड़हल के पौधे की मिट्टी की हल्की गुड़ाई करें फिर इसमें तैयार लिक्विड डालें।

एक चम्मच मिलाएं हल्दी

इसके अलावा गुड़हल के पौधे को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए खाद डालने के बाद उसमें हल्दी मिलाना एक प्रभावी उपाय है। एक चम्मच हल्दी को गुड़हल के गमले की मिट्टी में डालने से पौधे को न केवल पोषण मिलता है, बल्कि यह पौधों को फंगल इन्फेक्शन और कीटों से भी बचाने में मदद करता है। हल्दी के एंटीसेप्टिक गुण पौधे की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं और इसकी बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को भी दूर करते हैं। इसे सरल उपाय से आपके गुड़हल के पौधे की वृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार होगा जिससे वह अधिक सुंदर और जीवंत बनेगा।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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