Plant Care: धूप की कमी से प्रभावित चांदनी के पौधों को ऐसे संवारें, खिलेंगे ढेरों फूल

Plant Care: चांदनी का पौधा अपनी खूबसूरत फूलों के लिए जाना जाता है। लेकिन धूप और बारिश की कमी के कारण इसके पत्ते सिकुड़ जाते हैं और फूल कम लगते हैं। आइए जानते हैं कैसे आप अपनी चांदनी के पौधे की देखभाल कर सकते हैं ताकि वह फिर से खूबसूरत फूलों से लद जाए।

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Plant Care: चांदनी का पौधा लगभग हर भारतीय घर में पाया जाता है। इसकी खूबसूरत सफेद फूलों का उपयोग पूजा, सजावट और अन्य धार्मिक कार्यों में किया जाता है। बरसात के मौसम में चांदनी के पौधे पर फूलों की भरमार होती है, लेकिन इसी मौसम में पौधे को कीड़ों और बीमारियों का भी खतरा रहता है। नतीजतन, पत्ते सिकुड़ने लगते हैं और पौधे की वृद्धि रुक जाती है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिनकी मदद से आप बरसात के मौसम में भी अपने चांदनी के पौधे को स्वस्थ और खूबसूरत बनाए रख सकते हैं। इन टिप्स को अपनाकर आप अपने पौधे में इतने फूल देख पाएंगे कि आपको आधे फूलों को तोड़ना पड़ेगा।

मानसून में चांदनी के पौधे की देखभाल

धुप

चांदनी के पौधे को स्वस्थ और फूलों से भरा रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम 3-4 घंटे की सीधी धूप की जरूरत होती है। अगर पौधे को पर्याप्त धूप नहीं मिल रही है, तो इसे किसी ऐसी जगह पर रखें जहां सूर्य की रोशनी अच्छी तरह पहुंचे, जैसे बालकनी, खिड़की के पास, या छत पर। धूप की कमी होने पर पौधे को नियमित रूप से घुमाएं ताकि सभी हिस्सों को समान रूप से धूप मिल सके। पर्याप्त धूप मिलने से पौधे की वृद्धि और फूलों की गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे चांदनी का पौधा स्वस्थ और सुंदर बना रहता है।

मिट्टी

बारिश के दौरान मिट्टी गीली हो सकती है, जिससे जड़ों के सड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी की जल निकासी अच्छी हो। जब मिट्टी गीली हो, तो अधिक पानी न दें और केवल तभी पानी दें जब मिट्टी सूख जाए। जड़ों में पानी ठहरने से रोकने के लिए, मिट्टी को गुड़ाई करके उसमें रेत मिलाएं। इससे मिट्टी की संरचना सुधरेगी और जल निकासी बेहतर होगी, जिससे पौधों की जड़ें स्वस्थ रहेंगी।

नमी युक्त वातावरण

चांदनी के पेड़ या पौधे को नमी युक्त वातावरण पसंद होता है, लेकिन अत्यधिक बारिश के दौरान पौधे को नमी और पानी से बचाने की आवश्यकता होती है। बारिश ज्यादा होने पर पौधे की जड़ों में जलभराव और सड़न का खतरा बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए आप पौधे को पॉलिथीन या किसी अन्य ढकने वाली सामग्री से ढक सकते हैं। यह पौधे को अतिरिक्त पानी से बचाएगा और नमी के संतुलन को बनाए रखेगा, जिससे चांदनी का पौधा स्वस्थ और सुरक्षित रहेगा।

पत्तों को छांटकर हटाएं

पीले, सिकुड़े और सूखे पत्तों को छांट कर हटाने से पौधे में नई और स्वस्थ पत्तियों के आने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त, पौधे की डालियों को समय-समय पर काटते रहना चाहिए ताकि नई डालियां निकल सकें और पौधा घना हो सके। इस प्रक्रिया से पौधे का विकास तेज होता है और वह अधिक हरा-भरा और स्वस्थ दिखता है। नियमित छंटाई न केवल पौधे की सुंदरता बढ़ाती है, बल्कि उसकी जीवनशक्ति को भी बनाए रखती है।

होममेड खाद

पौधों की ग्रोथ और फूलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए नियमित रूप से खाद देना जरूरी है। जैविक और होममेड खाद का उपयोग पौधों के लिए फायदेमंद हो सकता है। पौधे की जड़ों के पास गोबर की खाद डालने से पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे नई डालियों में भरपूर मात्रा में फूल खिलते हैं। खाद के सही उपयोग से पौधे स्वस्थ रहते हैं और उनका विकास तेजी से होता है, जिससे वे अधिक हरे-भरे और आकर्षक दिखते हैं।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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