Raw Papaya Benefits : पपीता मासिक धर्म चक्र को नियमित करता है, जिससे महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या से राहत मिलती है। इसमें पाए जाने वाले एंजाइम्स और पोषक तत्व मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को कच्चे पपीते से परहेज करना चाहिए क्योंकि इसमें लेटेक्स होता है जो गर्भपात के खतरे को बढ़ा देता है।
जानें इसके फायदे
- पीलिया एक गंभीर बीमारी है, जिसमें कच्चा पपीता काफी लाभकारी होता है। कच्चा पपीते में मौजूद पपाइन एंजाइम पाचन को सुधारता है और लीवर को स्वास्थ्य बनाता है। इस दौरान हर तीन घंटे में आधा गिलास पपीते का जूस पीने से आराम मिल सकता है। पपीते का जूस शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
- कच्चे पपीते के एंटी पैरासिटिक और एंटी अमेबिक गुण पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। इसे खाने से आंतों के परजीवी और अमीबा जैसी समस्याओं से राहत मिलती है, जिससे पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है और बॉवेल मूवमेंट में सुधार होता है। बता दें कि इसे रोज खाने से अपच, एसिड रिफ्लक्स, अल्सर, सीने में जलन और गैस्ट्रिक जैसी समस्याओं से निजात मिलती है।
- पपीते के सूखे पत्ते अस्थमा के अटैक के दौरान काफी मददगार होते हैं। एक स्टडी के अनुसार, पपीते में बीटा कैरोटिन, लाइकोपीन और जेक्सैन्थिन जैसे ऑर्गेनिक कंपाउंड पाए जाते हैं, जो अस्थमा के अटैक से बचाव करता है। बता दें कि बीटा कैरोटिन, लाइकोपीन और जेक्सैन्थिन एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम कर देते हैं।
- कच्चे पपीते में मौजूद विटामिन ए और सी मलेरिया के मरीजों की इम्युनिटी बढ़ाने और शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करते हैं। खासकर यह मलेरिया और डेंगू के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। दरअसल, पपीते के पत्तों का सेवन करने से मलेरिया और डेंगू के मरीजों में घटे हुए प्लेटलेट काउंट को बढ़ाया जा सकता है।
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