Relationship tips : कल्चरल डिफरेंस हो तो रिश्ते में आ सकती है दरार, इस तरह करें मैनेज

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कहते हैं प्रेम (love) में कोई बंधन कोई सीमा नहीं होती। उम्र, सरहद, मजहब, भाषा सबसे परे और ऊपर होता है प्रेम। लेकिन जब दो ऐसे लोग रिलेशनशिप (relationship) में आते हैं तो व्यावहारिक रुप से उनके सामने कई चुनौतियां आती है। प्रेम के उफान पर तो कोई भी अंतर मायने नहीं रखता..लेकिन धीरे धीरे जब रिश्ता आगे बढ़ता है तो ये कल्चरल डिफरेंस कुछ समस्याएं खड़ी कर सकते हैं। ऐसे में अपने रिश्ते को सुंदर बनाए रखने के लिए कुछ बातों पर गौर करना जरुरी है।

Relationship tips : एक ही ऑफिस में करते हैं काम, हमेशा याद रखें ये बातें

  • अगर आप दो अलग अलग भाषा बोलते हैं तो एक दूसरे की भाषाओं का सम्मान कीजिए। कभी किसी की भाषा का उपहास न बनाएं।
  • हो सकता है कोई एक ऐसे राज्य से आता हो जहां का मुख्य भोजन चावल हो तो दूसरे का रोटी। ये अंतर वेज और नॉन वेज खाने का भी हो सकता है। इस मामले में कई बार टकराव हो जाते हैं..इसलिए खास ध्यान रखें। कभी भी फूड चॉइस को तकरार का कारण न बनने दें।
  • अगर आप दोनों एकदम विपरित प्रोफेशन में हैं तो एक दूसरे के वर्क प्रोफाइल को समझने की कोशिश कीजिए। हो सकता है एक आईटी में हो और दूसरा आर्ट फील्ड में। आप दोनों के काम करने का तरीका, समय सब अलग हो सकता है। ऐसे में एक दूसरे के काम का सम्मान कीजिए।
  • अगर आप दोनों की आर्थिक पृष्ठभूमि में अंतर है..एक बहुत संपन्न परिवार से है और दूसरा सामान्य या कमजोर परिवार से तो इस मुद्दे पर हमेशा सतर्क रहिए। आर्थिक अंतर बहुत से विवाद का कारण बन सकता है। इसलिए इसे संवेदनशीलता से हैंडल करने की जरुरत है।
  • लुक्स..ये बहुत अहम रोल रखते हैं आज के दिखावे वाले समय में। कई बार दो लोग एक दूसरे गुणों से, विशेषताओं से प्रभावित होकर जुड़ जाते हैं। संभव हैं दोनों पार्टनर्स में से एक काफी गुड लुकिंग हो और दूसरा सामान्य। इन दोनों के बीच तो प्रेम ही जुड़ाव का कारण है, लेकिन अक्सर बाहरी लोग लुक्स को लेकर तुलना करने लगते हैं। ऐसे में इस बात को बिल्कुल बीच में न आने दें और अगर कोई तीसरा इसपर टिप्पणी करे तो तुरंत उसे टोक दें।
  • एक घर में पले बढ़े दो भाइयों की रुचियां भी अलग अलग होती है। फिर यहां दो तो अलग संस्कृतियों के लोग मिले हैं। ऐसे में अगर आपकी अभिरुचियां, संगीत फिल्मों की पसंद, घूमने का आइडिया या रंग स्वाद में अंतर हो तो कई बड़ी बात नहीं। इन विभिन्नताओं को भी अपने जीवन का एक डिफरेंट फ्लेवर बना सकते हैं।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।