Relationship Tips : रिश्ता चाहे प्यार का हो या फिर दोस्ती का, भाई-बहन का हो या फिर रिलेटिव्स का हो बिना भरोसा और विश्वास की नहीं टिक सकता। वहीं, अगर रिश्ते को टिकाऊ और मजबूत बनाना है तो एक-दूसरे को समझना बेहद जरूरी होता है क्योंकि ताली एक हाथ से बजती नहीं है इसके लिए दोनों हाथों का इस्तेमाल करना ही पड़ता है। ठीक उसी तरह जिंदगी की गाड़ी भी एक पार्टनर नहीं, बल्कि दोनों पार्टनर्स की सोच-भोज से ही चलता है। ऐसे में दोनों को एक-दूसरे का सपोर्ट करना एक-दूसरे को समझना और किसी भी परिस्थिति में एक-दूसरे के साथ खड़ा होना ही सच्चा जीवनसाथी कहलाता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको रिलेशनशिप टिप्स बताएंगे, जब किसी रिश्ते में दो लोग एक-दूसरे पर कुछ बातों के लिए निर्भर होते हैं तो इससे उनका रिश्ता तो मजबूत होता ही है।
पॉवर बैलेंस भी है जरूरी
- रिश्तों में निर्भरता की एक सीमा होती है और इस सीमा को पार करने पर को-डिपेंडेंस की स्थिति बन सकती है, जो रिश्ते के लिए हानिकारक हो सकती है। पॉजिटिव इंटरडिपेंडेंस तब होती है जब पार्टनर्स एक-दूसरे को सहयोग देते हैं और एक-दूसरे की व्यक्तिगतता और पर्सनैलिटी को भी सम्मान देते हैं।
- बैम्बर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने रिश्तों में ‘पॉवर बैलेंस’ को महत्वपूर्ण माना है। पॉवर बैलेंस रिश्ते की स्थिरता और स्वस्थता के लिए बेहद जरूरी होता है। जब एक पार्टनर दूसरों पर हावी हो जाता है या नियंत्रण की स्थिति में आ जाता है, तो इससे रिश्ते में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।
- सोशल साइकोलॉजिस्ट स्टेनली ओ. गेन्स अपनी किताब ‘पर्सनैलिटी एंड क्लोज रिलेशनशिप प्रॉसेस’ में यह बताया था कि निर्भरता रिश्ते की बुनियाद होती है। उनका कहना है कि रिश्ते की बुनियाद पर निर्भरता का होना आवश्यक है क्योंकि यह आपसी समर्थन और समझ का आधार बनाता है। निर्भरता का मतलब यह नहीं होता कि एक पार्टनर पूरी तरह से दूसरे पर निर्भर हो जाए, बल्कि इसका मतलब है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे की जरूरतों और भावनाओं का सम्मान करें। साथ ही एक-दूसरे पर भरोसा करें।
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