Relationship tips : रिश्ते के लिए खतरनाक है कम्युनिकेशन गैप, बनाए रखें संवाद

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसी भी संबंध में संवाद सबसे अहम भूमिका निभाता है। खासकर अगर वो रोमांटिक रिलेशनशिप (Relationship) हो तब तो दोनों पक्षों को एक दूसरे के सामने खूब एक्सप्रेसिव होना चाहिए। प्रेम का इज़हार ही अपनी भावनाओं को प्रकट कर होता है। किसी भी रिश्ते में शुरु शुरु में तो ये बातें काफी होती हैं, लेकिन कई बार वक्त गुजरने के साथ आपस में बातचीत (communication gap) का सिलसिला कम होने लगता है। कई बार ये भी होता है कि एक साथी तो बात करना चाहता है लेकिन दूसरे की रुचि कम होती है। अगर आप भी ऐसी किसी स्थिति में हों जहां समझ न आए कि आखिर खुद को कैसे अभिव्यक्त किया जाए तो हम आपके लिए कुछ जरुरी टिप्स लेकर आए हैं।

Relationship tips : शक के कारण टूटते हैं रिश्ते, इस तरह आपस में बनाए रखें भरोसा

  • कभी भी किसी भी स्थिति में संवाद के सिरे को न टूटने दें। अपने साथी से बात करने का कोई मौका मत छोड़िये।
  • आप दोनों अगर व्यस्त रहते हैं और आमने सामने मिलने या बात करने के अवसर कम आते हैं तो छोटी छोटी पर्चियों के जरिए ये काम कर सकते हैं। उनके टिफिन में एक प्यार भरी स्लिप रख दीजिए। फ्रिज पर मेग्नेट के साथ एक मैसेज चिपका दीजिए या फिर बेडसाइट टेबिल पर एक सुंदर सा नोट छोड़ दीजिए। ये जीवन में थोड़ा और रोमांस एड ऑन करने का काम करेगा।
  • निश्चित अंतरात में एक दूसरे को मैसेज या फोन करते रहिये। आप भले की कितने भी बिजी हों लेकिन दो मिनिट का समय निकाला ही जा सकता है।
  • कभी भी सामने वाले की बात को खाली न जाने दें। अगर उन्होने आपको कोई टेक्स्ट किया है तो उसका रिप्लाई जरुर करें।
  • देर से दिये गए जवाब को कोई महत्व नहीं रह जाता। कोशिश कीजिए कि अपने पार्टनर की बात का सही समय पर जवाब दें।
  • कभी भी कितनी भी बड़ी लड़ाई हो..संवादहीनता न रखें। बातचीत बंद करना किसी समस्या का हल नहीं।
  • अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर बात नहीं कर रहा..तो इसका हल भी बातचीत ही है। थोड़ा माहौल बनाएं और उनसे बात करें कि ऐसा क्या हुआ है जिस कारण वो खामोश हो गए हैं।
  • कम्यूनिकेशन गैप कई समस्याओं का कारण बन सकता है। अपने रिश्ते में ये कभी न होने दें। अगर एक साथी का मूड खराब है, वो परेशान है या फिर किसी उलझन में है तो बात करने और स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी आप उठा लीजिए।
  • बातों के साथ आपके एक्शन भी महत्वपूर्ण है। इसीलिए आप जो कहते हैं वो आपके व्यवहार में भी लागू होना चाहिए।
  • बात करते समय याद रखें कि व्यक्ति शरीर की चोट भूल जाता है लेकिन शब्दों की नहीं। इसलिए किसी तकरार के समय भी कोई ऐसी बात न कहें जिससे सामने वाले का मन दुखी हो।
  • बातचीत कम होने की स्थिति में खुद भी ये सोचें कि आखिर ऐसा क्या हुआ है जो सामने वाले ने बात करना कम कर दिया है। आत्म विवेचना कई समस्याओं का समाधान है।
  • हर बातचीत सुंदर ही हो जरुरी नहीं। इसमें समस्याएं, परेशानियां, शिकायतें, उलाहनें भी होंगे ही। लेकिन ये कभी भी इतने तल्ख न हो कि आगे बातचीत की गुंजाइश ही न रहे।
  • किसी भी कठोर स्थिति के बाद कोशिश करें कि अंत एक सामान्य या नर्म लहज़े के साथ हो।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।