Relationship Tips: जीवन में एक खास दोस्त का होना है जरूरी, जानें फ्रेंडशिप डे की शुरुआत और इतिहास

दोस्ती का रिश्ता बिना किसी शर्त के होता है, जिसमें सिर्फ अपनापन और साथ होने का एहसास होता है। जब हम अकेले होते हैं या किसी मुश्किल में फंसे होते हैं, तो यही दोस्त हमारे साथ खड़ा होता है।

Sanjucta Pandit
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Relationship Tips : मैथिलीशरण गुप्त की कविता में दोस्ती के महत्व को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है। दोस्ती जीवन का एक अनमोल रिश्ता है, जो हमारे जीवन को खुशनुमा और यादगार बनाता है। इस कविता में दोस्ती के छोटे-छोटे पलों का जिक्र किया गया है, जैसे कि स्कूल में टिफिन शेयर करना, क्लास बंक करना, अपने क्रश को चोरी-छिपे देखना और कोचिंग के बाद घूमना। ये सभी पल हमारी जिंदगी में खास जगह रखते हैं और यादों में संजोए रहते हैं।

Psychology of friendship

दोस्ती का रिश्ता बिना किसी शर्त के होता है, जिसमें सिर्फ अपनापन और साथ होने का एहसास होता है। जब हम अकेले होते हैं या किसी मुश्किल में फंसे होते हैं, तो यही दोस्त हमारे साथ खड़ा होता है, चाहे वक्त रात के 2 बजे का ही क्यों न हो। दोस्ती की ये ताकत और मिठास हमारे जीवन को आसान और खुशहाल बना देती है। जीवन में कई दोस्त आते हैं, लेकिन कुछ ही खास दोस्त होते हैं जो हमारे दिल के करीब होते हैं। ये दोस्ती सालों बाद भी उतनी ही ताजा रहती है जितनी कि पहले दिन थी। सच्ची दोस्ती वही होती है जो हमारे सुख-दुख में बिना किसी शर्त या कंडीशन के साथ देती है।

खास दोस्त होना क्यों जरूरी

दोस्ती हमारे जीवन का एक अनमोल हिस्सा है। मुश्किल वक्त में एक सच्चा दोस्त हमेशा हमारे साथ खड़ा रहता है। हमारे जीवन के खुशहाल पलों को और भी खुशनुमा बनाता है। दोस्तों के साथ बिताए गए पल हमारी सबसे प्यारी यादें बन जाते हैं। एक सच्चा दोस्त हमें हमारी गलतियों के बारे में ईमानदारी से बताता है। दोस्तों के साथ समय बिताने से तनाव कम होता है।

सच्चे दोस्त की क्वालिटीज

  • ईमानदारी
  • समझदारी
  • विश्वास
  • समर्पण

सच्चे मित्रता की मिसाल

भारत में दोस्ती की कई कहानियां हैं, लेकिन जब मिसाल देने की बात आती है तो कृष्ण और सुदामा की दोस्ती सबसे पहले याद आती है। उनकी दोस्ती में त्याग, ईमानदारी और सम्मान का भाव प्रमुखता से दिखाई देता है। यह कहानी बताती है कि सच्ची मित्रता में किसी भी प्रकार का स्वार्थ नहीं होता, बल्कि निस्वार्थ प्रेम और आदर होता है।

फ्रेंडशिप डे: शुरुआत और इतिहास

फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 1930 में पराग्वे में हुई थी। अमेरिकन बिजनेसमेन और हॉलमार्क कार्ड्स के फाउंडर जॉयस हॉल ने इसका प्रस्ताव रखा था। स दिन को मनाने का आइडिया एक बिजनेस स्ट्रेटजी के तहत आया था। जॉयस हॉल ने सोचा कि पूरी दुनिया में एक दिन ऐसा होना चाहिए जो दोस्ती को समर्पित हो। साल 1998 में यूनाइटेड नेशंस ने विन्नी द पू को फ्रेंडशिप डे का ब्रांड एंबेसडर बनाया। विन्नी द पू प्रसिद्ध कॉमिक सीरीज का वो भालू है, जो क्रिस्टोफर रॉबिन का बेस्ट फ्रेंड था।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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