Sadesati Effect: शनि देव, जिन्हें हिंदू धर्म में न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है, उन शनि देवता के पूजन में कई नियम होते हैं जिनका पालन करना जरूरी है। दरअसल जब शनि देव किसी से खुश होते हैं, तो उसकी जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। वहीं, यदि शनि देव नाराज हो जाएं, तो उसे कठोर दंड झेलना पड़ सकता है।
जानें क्या है शनि का प्रभाव:
दरअसल शनिदेव का स्वभाव यह है कि वे बड़ी जल्दी क्रोधित हो जाते हैं। शनि देव का न्याय कर्मों के आधार पर व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देने का काम होता है। इसलिए, शनि देव के दंड से कोई नहीं बचा जा सकता। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती होती है, उन्हें उसके दौरान समस्याएं जैसे स्वास्थ्य, धन, परिवार, और करियर से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कैसे लगती शनि की साढ़ेसाती?
जानकारी के अनुसार शनि देव भी किसी निश्चित अवधि में ही राशि परिवर्तन करते हैं, जैसे हर ग्रह करता है। जबकि करीब ढाई साल में शनि देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। हालांकि जब यह गोचर होता है, तो एक साथ तीन राशियों में शनि की साढ़ेसाती हो जाती है। इसमें दो राशियों पर शनि की ढैय्या भी बनती है। जानकारी दे दें कि जनवरी 2024 में ही, शनि का प्रवेश मकर राशि से कुंभ राशि में हुआ। इसलिए फिलहाल मकर, कुंभ, और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
साढ़ेसाती में कभी भी न करें ये काम:
वाद-विवाद से बचें: साढ़ेसाती के दौरान वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे आपको जोखिम और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
अकेले यात्रा से बचें: साढ़ेसाती के समय में अकेले यात्रा करने से बचना चाहिए, खासकर रात के समय में। कभी न करें।
इन कामों से बचें: साढ़ेसाती के दौरान खासकर शनिवार और मंगलवार के दिन मांस-मंदिरा का सेवन कभी न करें और इसके साथ ही कभी भी काले वस्त्र, चमड़े और लोहे का सामान भी न खरीदें।
गरीबों और असहायों का सम्मान करें: अगर आपके ऊपर भी शनि की साढ़ेसाती है, तो ऐसे में गरीबों और असहाय लोगों को कभी न परेशान करें और उनका अपमान कभी न करें।
(Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।)