सपने में पैसे दिखने का क्या है अर्थ, जानिए रुपये पैसे सिक्कों से जुड़े शुभ-अशुभ संकेत

Secret of dreams

Secret of Dreams : पैसे कमाने की चाह भला किसे नहीं होती। लोग अपनी खुली आंखों से तो अक्सर ही खूब सारे पैसों के सपने देखते ही हैं लेकिन कई बार नींद में देखे गए सपनों में भी पैसे नजर आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सपनों में रुपये पैसे और सिक्के देखने का क्या अर्थ है। दुनियाभर में सपनों को लेकर तमाम रिसर्च हुई हैं। इसी के साथ अलग अलग स्थानों पर धार्मिक और सामाजिक मान्यतानुसार भी सपनों को डिकोड किया गया है। आज हम बात करेंगे सपनों में रूपये पैसे देखने का क्या अर्थ बताया गया है।

सपनों में पैसे दिखने का संकेत

अगर आपने अपने सपने में करारे नोट देखे हैं तो ये शुभ संकेत है। स्वप्नशास्त्र के अनुसार इसका अर्थ है कि आपको आर्थिक संकट से मुक्ति मिलने वाली है और आपके जीवन में समृद्धि आने वाली है। अगर कोई दूसरा व्यक्ति आपको करारे नोट पकड़ा रहा है तो ये भी शुभ संकेत है और माना जाता है कि आपके पास कहीं से पैसे आने वाले हैं या आय का स्त्रोत बढ़ने वाला है। वहीं अगर आप खुद को बैंक में पैसे जमा करते हुए देखते हैं या फिर किसी भी तरह से पैसों की बजत करते देखते हैं तो ये धनलाभ का संकेत है। अगर आप सपने में ये देख रहे हैं कि अपने पैसे या किसी कीमती वस्तु को तलाश कर रहे हैं तो ये एक चेतावनी है। ये इस बात का संकेत है कि निकट भविष्य में कोई असफलता मिलने वाली है या फिर किसी तरह की आर्थिक हानि हो सकती है।

खनकते सिक्के दिखे तो हो जाइये सावधान

वहीं अगर आप ढेर सारे खनकते हुए सिक्के देखते हैं तो ये भी एक अशुभ संकते है। स्वप्न शास्त्र के मुताबिक सिक्कों को देखना आर्थिक नुकसा की ओर संकेत करता है। ऐसे में सावधान हो जाएं और अपने खर्चों की निगरानी करें। वहीं अगर आप कटे फटे नोट देखते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपने पैसों को सही तरह से इन्वेस्ट नहीं कर रहे हैं। आपको धन से जुड़े मामलों, लेनदेन, निवेश आदि में सतर्क होने की जरुरत है। अगर आपको जमीन पर गिरे हुए पैसे दिख रहे हैं या आप खुद को जमीन पर गिरे पैसे उठाते देखते हैं तो ये भी धनहानि और दरिद्रता का संकेत है। वहीं अगर आप खुद को नोटों के ढेर के बीच देखते हैं तो ये एक शुभ संकेत है। स्वप्न शास्त्र के मुताबिक इसका अर्थ है कि आपके जीवन में पैसों से जुड़ी समस्या हल होने वाली है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोंतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं और इसे लेकर कोई दावा भी नहीं करते हैं।)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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