शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का त्योहार केवल रात के चाँद की पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह परिवार और परंपरा को एक साथ जोड़ने वाला खास अवसर भी है। इस दिन लोग अपने घरों में खास पकवान और मिठाइयाँ बनाते हैं, जिनमें गुड़ वाली खीर का स्थान सबसे अलग और महत्वपूर्ण है। यह खीर सिर्फ खाने का आनंद नहीं देती, बल्कि त्योहार की सौंदर्य, खुशियाँ और परंपरागत महत्व को भी दर्शाती है। हर घर में इसे बनाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है।
गुड़ वाली खीर सिर्फ एक साधारण मिठाई नहीं है, बल्कि यह पोषण, ऊर्जा और स्वास्थ्य का खजाना भी है। इसमें इस्तेमाल किया गया दूध, गुड़ और चावल का संतुलित मिश्रण बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए लाभकारी माना जाता है। खीर खाने से न केवल शरीर को ऊर्जा और ताकत मिलती है, बल्कि यह पाचन और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इस मिठाई का स्वाद ऐसा होता है कि बच्चे और बुजुर्ग दोनों खुशी-खुशी इसे खाते हैं।
गुड़ वाली खीर बनाने के देसी तरीके (Sharad Purnima Kheer Recipe)
सामग्री और तैयारी
1 कप बासमती या सादा चावल
4 कप दूध
1/2 कप गुड़ (कसकर लिया हुआ)
2–3 इलायची पाउडर
कटे हुए मेवे (काजू, बादाम, पिस्ता)
1 छोटा चुटकी केसर
- चावल को धोकर 20 मिनट भिगो दें।
- गुड़ को पानी में घोलकर अलग रख लें ताकि वह आसानी से घुल जाए।
- भिगोए हुए चावल को उबालते हुए दूध में डालें। धीमी आंच पर लगातार चलाते रहें।
- यह खीर को जले बिना गाढ़ा और मलाईदार बनाएगा।
- लगातार चलाने से दूध फटता नहीं है और खीर में चिकनाहट बनी रहती है।
- जब दूध और चावल का मिश्रण गाढ़ा होने लगे, तब गुड़ डालें और अच्छे से घोलें।
- इसके बाद इलायची पाउडर और केसर मिलाएं। यह खीर को खुशबू और स्वाद देगा।
- गुड़ को ज्यादा देर तक उबालने से खीर का रंग गहरा और स्वाद कड़वा हो सकता है।
मेवे और सजावट
अंत में कटे हुए मेवे डालें। मेवे खीर में क्रंच और पौष्टिकता जोड़ते हैं। खीर को गरमा-गरम या ठंडी दोनों तरह से परोसा जा सकता है।पिस्ता और केसर के धागे ऊपर से डालें। इससे खीर का रंग और स्वाद और भी आकर्षक हो जाएगा।
स्वाद और स्वास्थ्य के लाभ
ऊर्जा बढ़ाए: गुड़ और दूध का मिश्रण शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है।
पोषण में भरपूर: बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह हड्डियों और दिमाग के लिए अच्छा है।
पाचन में मददगार: गुड़ पाचन को सुधारता है और खीर को हल्का बनाता है।
शरद पूर्णिमा पर परंपरा और खीर का जादू
शरद पूर्णिमा की रात को खीर खाने की परंपरा सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि शुभ और स्वास्थ्यवर्धक अवसर माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से चांद की किरणों में खीर रखने और खाने की प्रथा के कारण और भी खास हो जाता है।
- बच्चों को यह मिठाई बहुत पसंद आती है।
- बुजुर्ग इसे खाने से स्वास्थ्य लाभ महसूस करते हैं।
- परिवार में साथ बैठकर खीर खाना संबंधों को मजबूत करता है।





