Lifestyle News: सर्दियों का मतलब सिर्फ ठंड ही नहीं होता मटर भी होता है। एक बार मटर की आवक शुरू होती है तो घर की हर सब्जी हर डिश का हिस्सा बन जाते हैं हरे हरे मटर। कभी आलू मटर की सब्जी, कभी पनीर मटर तो कभी कबाब और पुलाव में मटर, इसके के बिना कोई सब्जी ही पूरी नहीं होती। उसकी वजह ये भी है कि मटर ही सर्दियों का सुपरफूड भी होता है। जिसमें हरी सब्जियों के गुण होते हैं भरपूर प्रोटीन होता है और भी ढेरों फायदे होते हैं।
बस इसी चक्कर में मटर डाइट में इतनी ज्यादा हो जाती है कि फायदे की जगह नुकसानदायी भी साबित होने लगती है। जैसे अति हर चीज की बुरी होती है उसी तरह मटर की अति भी कुछ न कुछ नुकसान कर जाती है।
पेट फूलने का खतरा
ज्यादा मटर खाने से ब्लोटिंग का खतरा बढ़ जाता है। हावर्ड हेल्थ ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक स्टडी के मुताबिक मटर में लेक्टिन और फायटिक नाम के तत्व होते हैं। जिनकी वजह से गैस और ब्लोटिंग हो सकती है।
न्यूट्रिशन एब्जॉर्ब्शन में कमी
हरी मटर कई गुणों से लबरेज होती हैं लेकिन ये एंटी न्यूट्रीएंट भी होती हैं। मटर में मौजूद फायटिक एसिड की वजह से आयरन, कैल्शियम, और जिंक का शरीर में एब्जॉर्बशन घट सकता है।
किडनी पर असर
मटर में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। ज्यादा मटर खाने से ये प्रोटीन यूरिक एसिड के प्रोडक्शन को बढ़ा सकता है। जिसका असर किडनी पर पड़ता है।
क्या मटर न खाएं?
अगर मटर से इतने नुकसान हैं तो क्या मटर नहीं खाना चाहिए? अगर ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं, मटर ज्यादा खाने से नुकसान होता है एक सीमा में मटर खाना सेहत के लिए फायदेमंद ही है इसलिए मटर खाते समय उसकी मात्रा को सीमित करें। रोजाना मटर खाने से बचें उन्हें भिगो कर, अंकुरित करके खाना ज्यादा फायदेमंद होगा।