खानपान से जुड़ी ये 4 आदतें उम्र से पहले लाती हैं बुढ़ापा, आज ही करें बदलाव, जानें यहाँ

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Habits That Cause Agedness: किसी भी व्यक्ति का खानपान उसके शरीर पर गहरा प्रभावित करता है। कुछ आदतें शरीर में उम्र से पहले ही बुढ़ापे के लक्षण लाने का काम करते हैं। कम नींद और तनाव के कारण एजनिंग के लक्षण दिखने लगते हैं। लेकिन क्या आपको पता है हेल्दी डायट एजनिंग की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण किरदार निभाता है। ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। जो धीरे-धीरे आपके उम्र को तेजी से बढ़ाते हैं, लेकिन अपको इसका पता भी नहीं चलता।

पोषक तत्वों की कमी

आहार में पोषक तत्वों की कमी से भी एजनिंग के लक्षण शरीर में दिखते हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने और मेटाबॉलिज़्म के घटने से वजन में वृद्धि होती है। बॉडी के विभिन्न भागों में जमा फैट बहुत ही बुरी लगती है। बढ़ते वेट का असर चेहरे पर भी नजर आने लगता है।

ना करें खाना स्किप

टाइम पर भोजन करना बेहद ही अनिवार्य होता है। यदि डिनर और ब्रेकफास्ट का कोई समय निर्धारित ना होने पर शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जो बुढ़ापे के लक्षण को भी बढ़ाता है।

मौसम के अनुसार करें फल-सब्जियों का सेवन

मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। इनके सेवन से बॉडी में विटामिंस, एंटीऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स की पूर्ति होती है। जो हृदय, स्किन और दिमाग को हेल्दी रखता है। इनकी कमी होते ही एजनिंग भी बढ़ने लगती है।

चाय-कॉफी का सेवन हानिकारक

शरीर के लिए अधिक कैफीन का सेवन करना हानिकारक होता है। चाय और कॉफी में इसकी मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जिसका अधिक सेवन करने से चेहरा बूढ़ा दिखने लगता है।

(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News