गांधी जयंती की छुट्टी पर बच्चों को ले जाएं ये मजेदार जगहें, एन्जॉयमेंट के साथ मिलेगा ज्ञान

गांधी जयंती की छुट्टी पर अपने बच्चों को लेकर जाएं इन मजेदार जगहों पर, जहां उन्हें एन्जॉयमेंट के साथ-साथ ज्ञान भी मिलेगा। इन स्थलों पर बच्चे महात्मा गांधी के सिद्धांतों और देश की आज़ादी के इतिहास को जान सकेंगे।

भावना चौबे
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Travel: भारत में हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती बड़े ही सम्मान के साथ मनाई जाती है। इस दिन राष्ट्रपिता गांधी जी के अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

देशभर के स्कूल और कॉलेज में इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें गांधी जी के विचारों और आदर्शों पर चर्चा की जाती है। वहीं अधिकांश स्कूलों में इस दिन छुट्टी भी रखी जाती है और 2 अक्टूबर का आयोजन एक दिन पहले यानी 1 अक्टूबर को ही कर लिया जाता है।

चंडीगढ़ (Chandigarh)

अधिकांश परिवार में छुट्टी वाले दिन बच्चे माता-पिता के साथ बाहर घूमने के लिए जाते हैं। अगर आप भी 2 अक्टूबर की छुट्टी के दिन किसी विशेष जगह पर जाकर एंजॉय करना चाहते हैं। साथ ही साथ अपने बच्चों को सीख भी देना चाहते हैं, तो आप चंडीगढ़ की कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर घूमने जा सकते हैं, तो चलिए उन जगहों के बारे में जान लेते हैं।

आर्किटेक्चर म्यूजियम

अगर आप चाहते हैं कि 2 अक्टूबर की छुट्टी के दिन आपके बच्चे घूमने के साथ-साथ कुछ चीजों को भी सीखें तो यह जगह आपके लिए बेहद सही रहेगी। यह स्थल भारत के 50 में स्वतंत्रता दिवस के जश्न मनाने के लिए बनाया गया था और इसके निर्माण को अब कई साल बीत चुके हैं।

लेकिन इस जगह को इतने अच्छे से मेंटेन कर रखा है कि यह आज भी बिल्कुल नया दिखाई पड़ता है। इस म्यूजियम में बच्चों को आजादी की लड़ाई, गांधी जी के विचारों और उनके योगदान के बारे में जानने का अवसर मिलता है।

सरकारी संग्रहालय और आर्ट गैलरी

सरकारी संग्रहालय और आर्ट गैलरी बच्चों के साथ घूमने के लिए एक बेहतरीन स्थान है। यह संग्रहालय न केवल चंडीगढ़ बल्कि पूरे उत्तर भारत के कला प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह है।

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे किसी ऐसी जगह पर जाए, जहां वे कला और संस्कृति के बारे में सीख सकें, तो आप 2 अक्टूबर के छुट्टी के दिन उन्हें इस जगह पर जरूर लेकर जाएं। इस संग्रहालय में उन्हें अद्भुत पेंटिंग्स, खूबसूरत मूर्तियां और हस्तशिल्प कलाकृतियां दिखेंगी।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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