Travelling Place: हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां के पहाड़, नदियां, झीलें और घाटियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हिमाचल प्रदेश में कई खूबसूरत गांव भी हैं, जो शांत और सुकून भरे वातावरण के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक गांव है राक्छम। राक्छम किन्नौर जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। राक्छम गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां के पहाड़, जंगल, नदियां और झीलें मनमोहक हैं। राक्छम गांव में कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थल भी हैं।
राक्छम गांव में कई गतिविधियां हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यहां आप ट्रेकिंग, कैंपिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और माउंटेन बाइकिंग का आनंद ले सकते हैं। राक्छम गांव में कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक स्थल भी हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। राक्छम गांव में ठहरने के लिए कई होटल और गेस्ट हाउस हैं। यहां आप कम बजट में भी अच्छा ठिकाना ढूंढ सकते हैं। राक्छम गांव में खाने-पीने के लिए भी कई विकल्प हैं। यहां आप स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
राक्छम गांव में घूमने के लिए कुछ बेहतरीन जगहें ये हैं
राक्छम किला
यह किला 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह किला अपनी प्राचीन वास्तुकला के लिए जाना जाता है। किला पत्थर और लकड़ी से बना है और इसमें कई मीनारें, बुर्ज और महल हैं। किले का मुख्य प्रवेश द्वार भव्य और जटिल नक्काशी से सजा हुआ है। किले के अंदर कई मंदिर और मकबरे हैं। किले के परिसर में एक बड़ा तालाब भी है। किला राक्छम एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और पर्यटक यहां किले की प्राचीन वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते हैं।
कैलाश मंदिर
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। कैलाशनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के किन्नौर जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। मंदिर के अंदर भगवान शिव का एक विशाल शिवलिंग है। शिवलिंग के चारों ओर कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मंदिर के परिसर में एक बड़ा तालाब भी है।कैलाश मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और पर्यटक यहां मंदिर की प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व का अनुभव करने आते हैं।
राक्छम झील
यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।झील हिमनदों से भर जाती है और इसका पानी साफ और ठंडा होता है। झील चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों से घिरी हुई है और इस क्षेत्र का दृश्य बहुत सुंदर है। झील का नाम राक्षसों के राजा रावण के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने इस झील में स्नान किया था। राक्छम झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और पर्यटक यहां झील की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते हैं।
राक्छम वन
यह वन अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां आप कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के जानवरों और पक्षियों को देख सकते हैं। वन में देवदार, देवदार और सन्टी के पेड़ों सहित विभिन्न प्रकार के पेड़ और पौधे हैं। वन में कई जानवर भी रहते हैं, जिनमें हिम तेंदुए, भालू और हिरण शामिल हैं।राक्छम वन एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और पर्यटक यहां वन की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आते हैं।
इन बातों पर डालें नजर
राक्छम गांव जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर है। राक्छम गांव दिल्ली से लगभग 1,200 किलोमीटर दूर है। यहां आप बस या टैक्सी से पहुंच सकते हैं। राक्छम गांव में ठहरने के लिए कई होटल और गेस्ट हाउस हैं। यहां आप कम बजट में भी अच्छा ठिकाना ढूंढ सकते हैं। राक्छम गांव में खाने-पीने के लिए भी कई विकल्प हैं।यहां आप स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। राक्छम गांव में घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें हैं। यहां आप राक्छम किला, कैलाश मंदिर, राक्छम झील और राक्छम वन घूम सकते हैं।