अपने घर में कभी न लगाएं ऐसी पेंटिंग्स, सुख और समृद्धि में बनती हैं बाधा, जानिए वास्तुशास्त्र के नियम

घर की सजावट में पेंटिंग की भी अहम भूमिका होती है, लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार सही पेंटिंग और उसका स्थान चुनना आवश्यक है। सकारात्मक ऊर्जा के लिए प्राकृतिक दृश्य, झरने, दौड़ते घोड़े और प्रेरणादायक विषयों वाली पेंटिंग्स उपयुक्त हैं। डरावनी, फटी, हिंसक या नकारात्मक भावनाएं दिखाने वाली पेंटिंग्स घर में तनाव और नकारात्मकता ला सकती हैं।

Paintings

Vastu Tips for Home Decor : घर की साज-सज्जा के लिए हम कई यत्न करते हैं। सजावट में पेंटिंग्स भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। वे न सिर्फ आपके घर को सुंदर बनाती हैं बल्कि इसके वातावरण और ऊर्जा में भी बड़ा योगदान देती हैं। लेकिन इसके लिए सही प्रकार की पेंटिंग्स और सही स्थान का चुनाव करना जरूरी है। वास्तुशास्त्र में घर में पेंटिंग लगाने को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं।

एक अच्छी पेंटिंग आपके में चार चांद लगा सकती है। लेकिन पेंटिंग और स्थान का गलत चुनाव घर में नकारात्मकता भी ला सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पेंटिंग्स की प्रकृति और उनका स्थान दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। गलत पेंटिंग्स से उत्पन्न नकारात्मकता से मानसिक तनाव हो सकती हैं और ये मन को अस्थिर बना सकती हैं। ऐसी पेंटिंग्स घर में विवाद और कलह को बढ़ावा देती हैं। फटी, पुरानी या खराब स्थिति वाली पेंटिंग्स घर की समृद्धि में रुकावट और अस्थिरता का कारण बन सकती हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सही प्रकार की पेंटिंग्स का चयन और उन्हें उचित स्थान पर लगाना सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। अच्छी पेंटिंग्स घर में सुकून भरा माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सही पेंटिंग्स, जैसे प्राकृतिक दृश्य, हंसते हुए चेहरे और प्रेरणादायक विषय घर में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण के लिए, झरने या दौड़ते घोड़ों की पेंटिंग्स धन और सफलता का प्रतीक मानी जाती हैं और घर में समृद्धि लाते हैं। शांतिपूर्ण पेंटिंग्स जैसे समुद्र, पहाड़ या चंद्रमा के दृश्य तनाव को कम करते हैं और मन को सुकून देते हैं।

वास्तुशास्त्र के अनुसार पेंटिंग्स से जुड़े नियम और दिशा निर्धारण

वहीं, कुछ प्रकार की पेंटिंग्स को घर में नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि वे नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। वास्तु के अनुसार, भूत-प्रेत, रक्तपात, युद्ध, या डरावने दृश्यों वाली पेंटिंग्स मानसिक तनाव और नकारात्मक ऊर्जा फैलाती हैं। वहीं लड़ाई झगड़े या आक्रामकता दिखाती पेंटिंग्स पारिवारिक संबंधों में खटास पैदा कर सकती हैं और घर में मानसिक शांति को भंग करती हैं। वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि किस तरह की पेंटिंग अपने घर में नहीं लगाना चाहिए।

किस दिशा में पेंटिंग नहीं लगानी चाहिए

1. दक्षिण-पश्चिम दिशा : इस दिशा में डरावनी या नकारात्मक भावनाओं वाली पेंटिंग्स नहीं लगानी चाहिए। यह दिशा स्थिरता और संबंधों का प्रतीक है; गलत पेंटिंग्स से मानसिक अशांति और रिश्तों में समस्याएं हो सकती हैं।
2. उत्तर दिशा में नकारात्मक दृश्य : उत्तर दिशा को धन और करियर का क्षेत्र माना जाता है। इस दिशा में सूखे पेड़, वीरान जगह या किसी प्रकार की निराशा दिखाने वाली पेंटिंग्स नहीं लगानी चाहिए।
3. रसोई या शौचालय के सामने : किसी भी शुभ या प्रेरणादायक पेंटिंग को रसोई या शौचालय के सामने लगाने से उसकी ऊर्जा कम हो जाती है।

कैसी पेंटिंग्स नहीं लगानी चाहिए

1. डरावने और हिंसक चित्र : भूत-प्रेत, युद्ध या रक्तपात दर्शाने वाली पेंटिंग्स मानसिक तनाव और नकारात्मक ऊर्जा फैलाती हैं।
2. पुरानी और फटी पेंटिंग्स : पुरानी, फटी या खराब स्थिति में पेंटिंग्स रखने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है और समृद्धि रुकावट में पड़ सकती है।
3. लड़ाई-झगड़े की तस्वीरें : झगड़ा या विवाद दर्शाने वाली पेंटिंग्स घर में तनाव और कलह का संकेत देती हैं।
4. सूखे और वीरान पेड़ों के चित्र : ये पेंटिंग्स असफलता और स्थिरता में बाधा का प्रतीक मानी जाती हैं।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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