पुरानी झाड़ू को न समझें बेकार, इन टोटकों से हो जाएंगे मालामाल

जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। घर में पूजापाठ के जितने नियम धर्म होते हैं झाड़ू को रखने के भी उतने ही नियम कानून होते है। कई लोग झाड़ू का उपयोग भी उसकी पूजा करने के बाद शुरू करते हैं. झाड़ू को पैर लगाना या लांघना उसका अपमान समझा जाता है। ये माना जाता है कि झाड़ू में माता लक्ष्मी का ही वास होता है इसलिए झाड़ू घर के कचरे के साथ साथ घर की नकारात्मक ऊर्जा को भी बुहारकर बाहर कर देती है और घर में सुख समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। इसलिए झाड़ू का सम्मान और उसे उपयोग के सही तरीके पता होने चाहिए।

न सिर्फ झाड़ू लगाने के तरीके जान लेना बहुत जरूरी है बल्कि नई और पुरानी झाड़ू से जुड़ी कुछ बातों को जानना भी आपके लिए फायदे का सौदा साबित होगा।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।