महाशिवरात्रि पर कुट्टू की पूड़ी बनाने की जगह बनाए टेस्टी भजिए, नहीं होगा भूख का अहसास

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। महाशिवरात्रि के मौके पर ज्यादातर  लोग पूरे दिन का उपवास रखते हैं।  जिसमें सुबह शाम दोनों वक्त फलाहार ही किया जाता है। वैसे सबके अपने -अपने तरीके हैं। कुछ लोग दोनों वक्त नमक खाते ही नहीं हैं, जबकि कुछ लोग साबुदाने की खिचड़ी, सिंगाड़े या फिर कुट्टू के आटे से बने व्यंजन खा लेते हैं। अगर आप भी उपवास वाले दिन सेंधा नमक से बना फलाहार करते हैं, तो कुट्टू के आटे के भजिये बना सकते हैं।  इसका फायदा ये है कि, भजिए खाने के बाद आपको दिन भर भूख का अहसास नहीं होगा। बार -बार भूख नहीं लगेगी तो जल्दी कुछ खाने का मन भी नहीं होगा। ऐसे में आपका उपवास रखना भी सार्थक होगा. तो चलिए कुट्टू के आटे के भजिए कैसे बनाए जा सके हैं।

यह भी पढ़े…. महाशिवरात्रि: भगवान शिव का पसंदीदा “बेलपत्र”, आपको को आएगा खूब पसंद, जाने इसके फायदे..

सामग्री:


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"