फ्लाइट से सफर करना हर इंसान का सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वह जी तोड़ मेहनत करते हैं। हालांकि, इसमें सफर करने को लेकर नियम बनाए गए हैं, जो कि सभी देशों में अगल-अलग होते हैं। ऐसे में आज हम आपको उस नियम के बारे में बताएंगे, जो अनोखा लेकिन दिलचस्प है।
दरअसल, यह फ्लाइट में जन्म होने वाले बच्चे से जुड़ा हुआ है। जिसे लेकर भारत सहित सभी देशों की सरकार द्वारा अलग नियम बनाए गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे बच्चे को किस देश की नागरिकता मिलेगी।

कहां की मिलेगी नागरिकता
आज के आर्टिकल में हम आपको यह बताएंगे कि यदि फ्लाइट में बच्चा पैदा (Child Born In Flight) होता है, तो उसे कहां की नागरिकता मिलेगी। इसके बारे में भी नियम कानून बनाए गए हैं। इसके बारे में यदि आपने नहीं जाना, तो आपको बाद में पछतावा हो सकता है।
ये है नियम
भारत के नियम की बात करें तो यदि 7 महीने या उससे ज्यादा दिनों की प्रेग्नेंट महिला है, तो वह फ्लाइट में सफर नहीं कर सकती है। केवल विशेष परिस्थिति में ही उन्हें यात्रा की अनुमति दी जाती है। हालांकि, हर देश के नियम अलग-अलग है। अन्य देशों की बात करें, तो अगर कोई महिला बच्चे को फ्लाइट में जन्म देती है, तो सबसे पहले जन्म का समय और फ्लाइट किस देश की सीमा में उड़ रही थी यह देखा जाएगा। लैंडिंग के बाद उस देश की एयरपोर्ट अथॉरिटी से जन्म प्रमाण पत्र संबंधित डॉक्यूमेंट लिया जा सकता है। इसके अलावा, बच्चों के माता-पिता को भी फायदा मिलता है। दरअसल, बच्चे के साथ-साथ उनके पैरेंट्स को भी उस देश की राष्ट्रीयता प्राप्त करने का अधिकार मिल जाता है।
उदाहरण
उदाहरण के तौर पर यदि कोई फ्लाइट बांग्लादेश से अमेरिका जा रही है और भारत की सीमा में महिला ने बच्चों को जन्म दिया है, तो बच्चे का जन्म स्थान भारत माना जाएगा और वह यहां की नागरिकता प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, उसके माता-पिता की राष्ट्रीयता और भारत की नागरिकता दोनों मिल सकती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)