हिचकी आती है तो कोई याद करता है! कितनी सही है ये बात, जानिए हिचकी का कारण और दुनियाभर में इससे जुड़ी रोचक मान्यताएं

क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे लंबी हिचकी का रिकॉर्ड अमेरिका के चार्ल्स ओसबॉर्न के नाम है जिन्हें 1922 से 1990 तक..यानी 68 साल तक हिचकी आई। उन्होंने हर 10 सेकंड में हिचकी ली। उनका नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे लंबी हिचकी के लिए दर्ज है। इतनी लंबी अवधि तक हिचकी के बावजूद चार्ल्स ने सामान्य जीवन जिया। उन्होंने शादी की, बच्चे पैदा किए और खेती-किसानी का काम भी किया।

डिनर करते हुए, फोन पर बात करते हुए या फिर यूं ही बैठे ठाले..जानें कब हिचकी शुरु हो जाए कहा नहीं जा सकता। हमारे यहां हिचकी आती है तो कहा जाता है कोई याद कर रहा है। यही वजह है कि कई बार कई लोग हिचकी आने पर अपने प्रियजनों का नाम लेना शुरु कर देते हैं। और अगर किसी का नाम लेने पर हिचकी रुक जाए तो मान लेते हैं कि वही याद कर रहा होगा। लेकिन क्या ऐसा वास्तव में होता है?

अचानक शुरू होने वाली हिचकी कभी हंसी का कारण बनती है, तो कभी परेशानी का। भारत में तो इसे सीधे दिल से जोड़ दिया जाता है, यानी किसी के याद करने से। हिचकी रोकने के लिए कभी पानी पीने की सलाह दी जाती है तो कभी कुछ देर साँस रोकने की। लेकिन आखिर हिचकी आती क्यों है और इसे लेकर दुनियाभर में क्या मान्यताएं हैं। आज हम इसी बारे में जानेंगे।

क्यों आती है हिचकी

हिचकी का वैज्ञानिक नाम सिंगुल्टस कहते हैं। ये हमारे शरीर की एक अनैच्छिक प्रक्रिया है। हिचकी तब आती है जब हमारी छाती और पेट को अलग करने वाली मांसपेशी डायाफ्राम अचानक सिकुड़ती है। इस सिकुड़न से फेफड़े तेजी से हवा खींचते हैं, और वोकल कॉर्ड्स अचानक बंद होने से “हिक” की आवाज निकलती है। अगर कुछ देर की बात है तब तो ये सामान्य शारीरिक प्रक्रिया मानी जाएगी लेकिन लेकिन हिचकी 48 घंटे से ज्यादा चले तो यह गंभीर हो सकती है। यह डायाफ्राम की नसों (जैसे वैगस नर्व) में जलन, फेफड़ों में समस्या या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में चोट का संकेत हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

हिचकी के कुछ सामान्य कारण

  • जल्दबाजी में खाना: जल्दी-जल्दी खाना निगलने से या बिना चबाए भोजन करने से।
  • मसालेदार भोजन या शराब: तीखा खाना, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, या ज्यादा शराब पीने से।
  • तनाव या उत्तेजना: ज्यादा नर्वस होना, हंसना, या तापमान में अचानक बदलाव।
  • पाचन संबंधी गड़बड़ी: गैस, एसिड रिफ्लक्स, या मेटाबॉलिक डिसऑर्डर।

दुनियाभर में हिचकी को लेकर मान्यताएं

  1. भारतीय संस्कृति : भारत में एक आम मान्यता है कि हिचकी आने का मतलब है कि कोई आपको याद कर रहा है। खासकर, अगर हिचकी बार-बार आ रही हो तो माना जाता है कि कोई करीबी व्यक्ति आपको बहुत याद कर रहा है।  कुछ लोग किसी का नाम लेकर हिचकी रोकने की कोशिश करते हैं, यह मानते हुए कि जिसका नाम लिया जाता है, वही याद कर रहा है।
  2. चीन और अन्य पूर्वी एशियाई देश: चीनी संस्कृति में हिचकी का मतलब है कि कोई आपके बारे में बात कर रहा है। अगर हिचकी दिन में आ रही है तो यह सकारात्मक चर्चा हो सकती है, लेकिन रात में हिचकी को नकारात्मक गपशप से जोड़ा जाता है। कुछ पूर्वी एशियाई देशों में हिचकी को आत्माओं या पूर्वजों का संदेश माना जाता है। इसे रोकने के लिए प्रार्थना या विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
  3. यूरोपीय देश: यूरोप के कई हिस्सों जैसे इंग्लैंड और आयरलैंड में हिचकी का मतलब है कि कोई आपको याद कर रहा है या आपके बारे में सोच रहा है। कुछ जगहों पर यह भी माना जाता है कि हिचकी उस व्यक्ति की तीव्र भावनाओं को दर्शाती है।
  4. फ्रांस: फ्रांस में एक पुरानी मान्यता है कि अगर आपको हिचकी आ रही है, तो आपका प्रेमी या प्रेमिका आपके बारे में सोच रहा है।
  5. लैटिन अमेरिका: लैटिन अमेरिकी देशों जैसे मेक्सिको और ब्राजील, में हिचकी को इस बात का संकेत माना जाता है कि कोई आपके बारे में गपशप कर रहा है। अगर हिचकी तेज और लगातार हो, तो माना जाता है कि बात नकारात्मक हो सकती है। कुछ जगहों पर हिचकी रोकने के लिए लाल धागा कलाई पर बांधा जाता है या चीनी का एक टुकड़ा जीभ के नीचे रखा जाता है।
  6. अफ्रीकी संस्कृतियां: कुछ अफ्रीकी जनजातियों में हिचकी को पूर्वजों या आत्माओं का संदेश माना जाता है। इसे रोकने के लिए विशेष जड़ी-बूटियों का उपयोग या प्रार्थना की जाती है। कुछ अफ्रीकी समुदायों में हिचकी को स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पेट में गड़बड़ी, से जोड़ा जाता है।
  7. जापान : जापान में हिचकी को कभी-कभी ठंड लगने या बीमारी का शुरुआती संकेत माना जाता है। इसे रोकने के लिए गर्म पानी पीना या शरीर को गर्म रखना सुझाया जाता है। कुछ जापानी मान्यताओं में हिचकी का मतलब है कि कोई आपको याद कर रहा है, खासकर कोई प्रिय व्यक्ति।

हिचकी कैसे रोकें

हिचकी को रोकने के लिए दुनिया भर में कई घरेलू नुस्खे आजमाए जाते हैं। कुछ वैज्ञानिक आधार पर काम करते हैं, तो कुछ बस मजेदार हैं। 10-15 सेकंड के लिए सांस रोकने से फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ता है, जो डायाफ्राम को स्थिर करता है। ठंडा पानी पिएं..एक गिलास ठंडा पानी धीरे-धीरे 9-10 घूंट में पीने से डायाफ्राम की उत्तेजना शांत होती है। एक चम्मच चीनी या शहद चाटने से वोकल कॉर्ड्स और गले की नसें उत्तेजित होती हैं, जिससे हिचकी रुक सकती है। नींबू का एक टुकड़ा चूसें या नींबू के रस में शहद मिलाकर चाटें। इसका खट्टापन हिचकी को रोकने में मदद करता है। किसी को अचानक डराएं या मजेदार बात कहें। ध्यान भटकाने से भी हिचकी रुक सकती है। आप आयुर्वेदिक नुस्खा भी आजमा सकते हैं..इसके लिए एक चम्मच घी में 2-3 चुटकी हींग मिलाकर गर्म करें और छाछ के साथ पिएं। यह पेट की गैस को भी कम करता है। लेकिन अगर ये समस्या बार बार हो रही है तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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