8 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है International Literacy Day? जानें इस वर्ष की थीम

International Literacy Day: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर को क्यों मनाया जाता है? यह दिन 1965 में स्थापित किया गया था, ताकि शिक्षा और साक्षरता के महत्व को वैश्विक स्तर पर उजागर किया जा सके।

International Literacy Day

International Literacy Day: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है जब हम दुनिया भर में साक्षरता के महत्व को याद करते हैं। अगर हम किसी भी देश की खुशहाली और विकास की बात करें तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि वहां रहने वाले लोग कितने पढ़े लिखें हैं। जब लोग पढ़े-लिखे होते हैं तो वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं और बेहतर नौकरियों पा सकते हैं।

साक्षरता न केवल व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाती है बल्कि समाज और देश के विकास में भी योगदान देती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जो किसी भी इंसान को गरीबी और अंधकार से बाहर निकाल सकता है। साक्षरता के माध्यम से हम न केवल ज्ञान प्राप्त करते हैं बल्कि अपनी सोच को भी व्यापक बनाते हैं। यह हमें समाज के अलग-अलग मुद्दों पर विचार करने और उनका समाधान खोजने में मदद करता है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (International Literacy Day)

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमें यह बताता है कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो किसी भी समाज या देश को बदल सकता है और प्रगति की ओर ले जा सकता है। जब एक देश में अधिक से अधिक लोग शिक्षित होते हैं तो वह न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बना पाते हैं बल्कि समाज के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे पाते हैं। शिक्षा न केवल स्कूल-कॉलेज तक सीमित है बल्कि यह जीवन भर चलने वाली एक प्रक्रिया है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस इतिहास

अगर हम अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के इतिहास के बारे में बात करें तो इस दिन को मनाने की शुरुआत एक वैश्विक पल के रूप में हुई थी। जिसका उद्देश्य दुनिया भर में साक्षरता को बढ़ावा देना था। 1965 में ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित एक महत्वपूर्ण सम्मेलन ने इस दिशा में अपना कदम बढ़ाया। इस सम्मेलन में दुनिया भर के शिक्षा मंत्री इकट्ठे हुए और उन्होंने सारक्षता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।

इस सम्मेलन के बाद संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 1966 में अपने 14 वें आम सम्मेलन में 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में घोषित किया। इसके बाद 1967 में 8 सितंबर को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया था। तब से लेकर आज तक हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

International Literacy Day की साल 2024 की थीम

साल 2024 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए बेहद खास है। इस बार का आयोजन ‘बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता’ (Promoting multilingual education: Literacy for mutual understanding and peace) इस विषय के तहत किया जा रहा है। इसका यह मतलब है कि इस साल का फोकस सिर्फ पढ़ना,लिखना, सिखाना ही नहीं है बल्कि विभिन्न भाषाओं को सीखने और समझने को प्रोत्साहित करना भी है।

देशभर में लोग अलग-अलग भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं। हर भाषा एक संस्कृति और प्रतिनिधित्व करती है। जब हम उन विभिन्न भाषाओं को सिखते हैं तो हम न केवल एक दूसरे की संस्कृति को समझते हैं बल्कि एक दूसरे के करीब भी आते हैं। आपको बता दे यह वैश्विक उत्सव 9 और 10 सितंबर 2024 को कैमरून याउंडे में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन से हमें यह सीखने को मिलेगा की भाषाएं हमें बांटती नहीं है, बल्कि जोड़ती है।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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