झटपट साफ होंगे लकड़ी के बर्तन, फॉलो करें ये ट्रिक्स

लकड़ी के बर्तन की चमक बरकरार रखने के लिए यह उपाय अपना सकते है और खाने को सुरक्षित रखकर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करें।

Wooden utensils : आजकल खाना बनाने के लिए सबसे ज्यादा नॉनस्टिक पैन का उपयोग होता है। स्टील की कलछी पैन की चिकनी परत खराब कर देती है जो भोजन के साथ हमारे पेट में पहुंच सकती है। इसलिए इसमें लकड़ी के चम्मच का इस्तेमाल करना ही उचित है क्योंकि ये गर्म नहीं होते और सेहत के लिए भी सुरक्षित हैं। परंतु समस्या यह है कि लकड़ी गंदी भी जल्दी हो जाती है। लकड़ी में तरल पदार्थों को सोखने का गुण होता है जिसके चलते इसमें तेल मसाले के दाग आसानी से बन जाते हैं जिन्हें साफ न करने पर इनसे दुर्गंध आने लगती है। ऐसे में कुछ आसान से उपाय इन्हें लंबे समय तक टिकाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं।

सफाई के चार उपाय

बेकिंग सोडा

लकड़ी के बर्तनों में चमक बरकरार रखने के लिए बेकिंग सोडा उपयोगी है। इसके लिए एक बाउल में बेकिंग सोडा और पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को बर्तनों पर लगाकर छोड़ दें। सूखने के बाद पानी से स्पंज की मदद से साफ कर लें।

नमक-नींबू

बर्तनों को लिक्विड सोप से और हल्के स्पंज से साफ करके पानी से धो लें। इसके बाद उसमें नमक छिड़ककर पूरे बर्तन में नींबू रगड़ें। 5 मिनट बाद सूती कपड़े से पोंछ दें। इससे बर्तनों में नयापन बना रहता है।

विनेगर-शहद

आधा कटोरी सिरके में 1 चम्मच शहद मिला लें। तैयार घोल में रुई के एक बड़े टुकड़े या सूती कपड़े को डालकर निचोड़ लें। फिर भीगी हुई रुई या कपड़े की मदद से लकड़ी के बर्तनों को अच्छी तरह रगड़कर पोंछ लें। इस उपाय से बर्तन की गंध से छुटकारा पाया जा सकता है।

नींबू का रस

बर्तनों से खाने के दाग हटाने के लिए नींबू का इस्तेमाल अत्यंत प्रभावी होता है। एक टब में गर्म पानी ले। इसमें नींबू का रस मिला लें। तैयार घोल में 10-15 मिनट तक लकड़ी के बर्तनों को डुबोकर छोड़ दें। फिर इसे सूती कपड़े से पोंछकर सुखा लें।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई सामान्य जानकारी है, Mpbreakingnews दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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