आज है World Blood Donor Day, आइए जानें रक्तदान से जुड़े मिथक और उन्हें मिटाने का प्रयास करें

Pratik Chourdia
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। हर वर्ष 14 जून को World Blood Donor Day के रूप में मनाया जाता है। विश्व के सभी देश इस दिन को जागरूकता (awareness) फैलाने के लिए मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 2004 में हुई थी। इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य है सुरक्षित ब्लड (safe blood) और ब्लड प्रोडक्ट (blood product) के बारे में जागरूकता फैलाना साथ ही ब्लड डोनेट करने वाले सभी व्यक्तियों का शुक्रिया अदा करना। रक्तदान करना किसी को जीवनदान देना है। ब्लड डोनेट करना न ही महान काम है बल्कि ये आपकी सेहत के लिए भी अच्छा है। हालांकि, ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों के मन मे कई भ्रम हैं जिन्हें समाज से खत्म करना बहुत ज़रूरी है। आइए नजर डालते हैं रक्तदान (blood donation) से जुड़ी ऐसी ही कुछ अफवाहों पर:

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* दर्द होता है!

एक सुई चुभने और आपके हाथ पे बंधे टूनिकेट से बने प्रेशर से ज़्यादा आपको रक्तदान करते वक़्त कुछ महसूस नहीं होगा। हालांकि आपको रक्तदान करते वक़्त या उसके कुछ समय बाद तक चक्कर या सरदर्द हो सकता है।

* लंबा समय लगता है!

रजिस्ट्रेशन और अन्य औपचारिकताओं में समय लग सकता है लेकिन रक्तदान करने में 8-10 मिनट से ज़्यादा का समय नहीं जाता। रक्तदान करने के बाद आपको कुछ देर वहीं बैठना होता है लेकिन इस दौरान आपको रिफ्रेशमेंट के तौर पर खाने-पीने के लिए हेल्दी चीज़े दी जाती हैं।

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* उम्र!

बिना माता-पिता की सहमती , रक्तदान करने के लिए आपकी उम्र 17 वर्ष से अधिक होनी चाहिए वहीं रक्तदान करने के लिए अधिकतम उम्र का कोई प्रावधान नहीं है।

* खून को हमेशा के लिए रखा जा सकता है!

खून के विभिन्न अवयवों की शेल्फ लाइफ भी विभिन्न होती है।
● रेड ब्लड सेल्स को फ्रिज में रखना चाहिए और 42 घंटे बाद वे किसी काम के नहीं रह जाते
●प्लेटलेट्स को रूम तापमान पर 5 दिन तक रखा जा सकता है।
● प्लाज्मा को जमा के उसे साल भर तक रखा जा सकता है।

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* आयरन लेवल कम होने पर रक्तदान नहीं किया जाता!

ऐसा ज़रूरी नहीं है। आयरन से खून में हीमोग्लोबिन बनता है जो खून में ऑक्सीजन लाता है। आपके रक्तदान करने से पहले आपका हीमोग्लोबिन लेवल चेक किया जाता है। यदि वो बहुत कम होता है तो आपको सलाह दी जाती है कि आप रक्तदान न करें क्योंकि ऐसा करने पर आप बेहोश हो सकते हैं या बीमार पड़ सकते हैं। हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाकर आप दोबारा रक्तदान कर सकते हैं।

* साल में बस एक बार रक्तदान कर सकते हैं!

शरीर में खून अपने आप बन जाता है, लेकिन एकदम से नहीं, इसमें थोड़ा समय लगता है। रक्तदान करने के बाद खून में प्लाज़्मा 24 घंटे का बाद बनने लगता है। वहीं रेड ब्लड सेल्स को बनने में 4 से 6 हफ्तों का समय लगता है। इसलिए आपको रक्तदान करने के 56 दिन बाद ही दोबारा रक्तदान करना चाहिए ।

* टैटू या पियर्सिंग करवाने के बाद रक्तदान नहीं कर सकते!

अगर आपने टैटू या पियर्सिंग सिंगल-यूज उपकरण से राज्य द्वारा विनियमित पार्लर में करवाया है तो आप बेझिझक रक्तदान कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ है तो आपको रक्तदान करने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ेगा।

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रक्तदान करने से पहले जरूरी बातें:

* रक्तदान करने के लिए आपकी उम्र 17 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। कुछ राज्यों में माता-पिता की अनुमति से 16 साल में भी रक्तदान किया जा सकता है।

* रक्तदान करने के लिए आपका वजन कम से कम 110 पाउंड होना चाहिए।

* आप यदि इलाजरत है तो आपको इसकी जानकारी रक्तदान के पहले देनी होगी साथ ही किन दवाइयों का प्रयोग कर रहे हैं ये बताना भी ज़रूरी है।


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CTO & Digital Head of MP Breaking News

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