World Hypertension Day 2019: यूं बचें हाईबीपी से, पढ़ें कारगर Tips

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world hypertension day 2019 : हाइपरटेंशन से भले ही हम अनजान हों, पर इसके दूसरे नाम हाईबीपी को सब जानते हैं। देश में तीन लाख से ज्यादा लोग हर साल इस कारण जान गंवा रहे हैं। इस समस्या में नियमित जांच व डॉक्टरी निर्देशों का पालन जरूरी है। 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मानें तो तीन में से एक हिंदुस्तानी युवा हाइपरटेंशन की गिरफ्त में है। बिगड़ते हालात का अंदाजा इससे लगा सकते हैं 40 फीसदी से अधिक डॉक्टर भी इस बीमारी की जद में हैं। राजधानी दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में हजार लोगों पर किए अध्ययन के अनुसार 31 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं। 31 से 50 वर्ष के 56 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं। हालांकि साठ साल की उम्र से पहले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा ज्यादा रहता है, पर बाद में स्त्री-पुरुष दोनों में ही खतरे की आशंका बराबर होती है। .

साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट और इंटर्वेंशनल न्यूरोलॉजी के प्रमुख डॉ. चंद्रिल चुघ के अनुसार, ‘लंबे समय तक रक्तचाप का स्तर ज्यादा रहना हाइपरटेंशन या हाई बीपी कहलाता है। इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं, क्योंकि 30 प्रतिशत लोग यह जानते ही नहीं कि उन्हें यह समस्या है। कुछ में इसके लक्षण नहीं दिखाई देते। चूंकि कुछ आम लक्षण दूसरी समस्याओं में भी दिखते हैं, इस वजह से उपचार में अनदेखी होती है। ज्यादा देरी होने से शरीर के दूसरे अंगों पर भी नुकसान पहुंचने लगता है।’ .

लक्षण
– जल्दी-जल्दी सिरदर्द होना, खासतौर से गर्दन सहित सिर के पीछे
– बार- बार मितली आना 
– पसीना ज्यादा आना 
– नसों में झनझनाहट रहना 
– सीने में दर्द, बेचैनी, 
– भारीपन व सांस लेने में परेशानी महसूस करना 
– बहुत ज्यादा तनावग्रस्त रहना ‘ज्यादा गुस्सा आना 
– कमजोरी के साथ चक्कर महसूस होना 
– थकान रहना ‘तेज चलने में परेशानी होना 
– बिना किसी श्रम के दिल की धड़कन तेज हो जाना 
– नींद कम आना ‘आंखों में धुंधलापन छाना 
– पेशाब करने में दिक्कत होना

क्या हो सकता है कारण
– तनाव की अधिकता 
– आनुवंशिक कारण ‘वजन ज्यादा होना 
– सिगरेट, बीड़ी, सिगार व बहुत अधिक एल्कोहल का सेवन करना 
– लंबे समय तक कम नींद लेना 
– थाइरॉएड की समस्या 
– अधिक नमक, चीनी, तला भुना व प्रोसेस्ड फूड खाना 
– दवाओं का अधिक सेवन ‘उम्र बढ़ना 
– गर्भावस्था के दौरान भी रक्तचाप बढ़ जाता है। 
– इसके अलावा खून में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो हाइपरटेंशन का खतरा भी बढ़ जाता है।
– मधुमेह रोगियों में भी इसकी आशंका बढ़ जाती है।

– हाइपरटेंशन से रक्त वाहिकाएं सख्त, मोटी और संकरी हो सकती हैं, जिससे हृदय में रक्त का संचार आसान नहीं रह जाता। एंजाइना (छाती में दर्द) व गंभीर हृदयरोगों की आशंका बढ़ जाती हैं। .
– ‘हृदयाघात की आशंका बढ़ती है.
– ‘गुर्दों की रक्त कोशिकाएं कमजोर और संकुचित हो जाती हैं, फलस्वरूप उनकी कार्यक्षमता घट सकती है।.
– ‘मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज, हृदय रोग जैसे खतरे बढ़ जाते हैं।.
– ‘अनियंत्रित उच्च रक्तचाप मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर असर डालता है और स्मरण शक्ति को कमजोर कर सकता है।.


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