भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से नौकरी पर नियुक्त किए गए डाटा एंट्री ऑपरेटरों (Data entry operators) की सेवा समाप्त करने के आदेश के बाद अब शिक्षा विभाग (education Department) में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर्स (Computer Operators) की नौकरी पर तलवार लटक रही है। शिक्षा विभाग ने करीब 6000 कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को नौकरी से निकालने की तैयारी कर ली है। आदेश जारी होने के बाद से यहां कार्यरत ऑपरेटर्स में हडक़ंप मच गया है।
दरअसल वित्त विभाग ने सभी विभागों को खर्चों में कटौती करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत स्कूली शिक्षा विभाग ने भी कंप्यूटर ऑपरेटर्स के कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने के आदेश जारी किए हैं। यहां अलग-अलग विभागों में करीब 60 हजार से ज्यादा कंप्यूटर ऑपरेटर्स काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना आपदा के बाद मध्यप्रदेश सरकार बड़े आर्थिक संकट की मार झेल रही है। ऐसे में शासन विभिन्न विभागों में छटनी कर खर्चों में कटौती करने का प्रयास कर रही है। इससे पहले भी जिला-जनपद पंचायत, मंडी बोर्ड से कंप्यूटर ऑपरेटर्स को हटाया गया है। पंचायतों में करीब 2200 वहीं कृषि मंडियों के 3 हजार से ज्यादा ऑपरेटर निकाले जा चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के माध्यम से नौकरी पर नियुक्त किए गए डाटा एंट्री ऑपरेटरों की सेवा समाप्त करने का भी आदेश शासन द्वारा जारी किया जा चुका है। इतना ही नहीं वित्त विभाग इस वर्ष 2020 में सरकारी कर्मचारियों को भी काल्पनिक इंक्रीमेंट देकर झटका दे चुका है।