कुएं में मिला दो लड़कियों का शव, हत्या-आत्महत्या के असमंजस में फंसा मामला, जांच शुरु

Gaurav Sharma
Published on -
indore news

अलीराजपुर, यतेन्द्र सिंह सोलंकी। जिले की बरझर चोकी के अंतर्गत आने वाले रिन्गोल गांव में सोमवार सुबह को एक खेत के कुएं से दो लडकियों की लाश मिली है। बताया जा रहा है कि यह दोनों लडकियां रविवार शाम 5 बजे को चक्की पर आटा पिसाने के लिए घर से निकली थी। मृतक बालिकाओ के नाम  समीरा पिता वहुनीया भील 18 वर्ष  व वर्षा पिता नेहरू परमार भील 16 वर्ष बताया जा रहा है।

सोमवार सुबह जब खेत मालिक खेत में पानी देने आया तो उसकी नजर कुएं पर गई, उसने देखा की लाश पानी में तेर रही है, उसने इसकी जानकारी तुरंत गांव वालो को दी। ग्रामीणों को पूरा घटनाक्रम बताने के बाद इस मामले की पूरी जानकारी पुलिस चोकी बरझर के चोकी प्रभारी आरएस मकवाना दी गई।

जानकारी मिलने के तुंरत बाद चोकी प्रभारी अपनी टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने इस घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। थाना प्रभारी कैलाश बारिया भी मोके पर पहुंच गए।

 

मिली जानकारी अनुसार कुएं से थोड़ी दूरी पर ही शराब के डिब्बे भी मिले है। फिलहाल पुलिस भी अभी कुछ भी कहने के असमंजस में है कि ये हत्या है या फिर आत्महत्या। एसपी अलीराजपुर ने ऍफ़एसएल की टीम को मौके पर भेजा है और हर पहलुओं की बारिकी से जांच करने के निर्देश दिए है।

पुलिस टीम ने दोनों लडकियों की लाश को कुएं से निकाल लिया है और पीएम के लिए आजाद नगर अस्पताल भेज दिया है। एसपी की कहना है की जल्द ही मौत के कारणों का पता लगा लिया जायेगा।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News