अलीराजपुर/ यतेंद्रसिंह सोलंकी
कोरोना के खौफ से लोग घरों में बंद है, ये जरूरी भी है और शासन प्रशासन लॉकडाउन के दौरान पूरी कोशिश कर रहा है कि लोग सारे निर्देशों का पालन करें। लेकिन ऐसे समय में भी कुछ लोग हैं जो अपनी जान की परवाह न कर दूसरों की सेवा में जुटे हैं।

अलीराजपुर में 42 वर्षीय दीपक दीक्षित हर किसी की मदद में जुटे हैं। ये सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक निरंतर नगरवासियों, व्यवस्थाओं में जुटे कर्मचारियों, वापस लौटने वाले मजदूूरों के एक संदेश पर उनकी मदद के लिये पहुंच रहे हैं। दीपक दीक्षित इस शहर के पुराने समाजसेवी हैं और कोरोना वायरस के संक्रमणकाल में उनका सेवाभाव देखते ही बनता है। ऐसे में हर कोई उन्हें दुआएं दे रहा है और उनकी प्रशंसा कर रहा है।
दीपक 6 बजे से अपने घर से निकलकर अन्य स्थानों से लौटने वाले अथवा अन्य निराश्रित लोगों को चाय-बिस्किट प्रदान करने निकल पड़ते हैं। इसके बाद वे निर्धारित समय पर लंच पैकेट लेकर गरीब, निराश्रितों और जरूरतमंदों तक पहुंचाने का कार्य करते है। यह क्रम रात्रि में भी निरंतर चलता रहता है। इसी दौरान वे पलायन से लौटने वालों की सहायता, किसी जरूरतमंद को कोई स्वास्थ्य संबंधित अथवा अन्य प्रकार के सहयोग की मदद के लिए भी तत्पर रहते है। इतना ही नहीं इस मुकिल की घडी में किसी जरूरत मंद को दवाएं और अन्य सामग्री घर पर लाकर देने के कार्य को भी वे पूरी निष्ठा से कर रहे है।
इस संबंध में सहयोग संस्था अध्यक्ष दीपक दीक्षीत ने बताया कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लॉक डाउन के हालात में सेवा ही सबसे बडा कर्म है। वे कहते है कि यह राष्ट्र की सेवा के अनुरूप सेवा है। इसे मैं पूरे सच्चे भाव से करता हूं। मुझे इस तरह से सेवा कार्य करके ख़ुशी मिलती है। वे कहते है कि इस कार्य के दौरान वे स्वयं निर्देशों का पालन करते हुए अन्य लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपायों की जानकारी भी दे रहे है। उनके इस जज्बे को पूरा जिला सलाम करता है ।