अलीराजपुर। यतेंद्र सिंह सोलंकी।
आओं हम सब मिलकर राष्ट्रगान करें, आलीराजपुर की आबों हवा को गुलजार करें। हर कोना इसका धर्म उपदेश से भरा हैं। आओं हम अब साहित्य सरिता का आव्हान करे। यह कविता की पंक्ति के साथ नगर के महाराणा प्रताप राजपूत भवन में राग रागिनी रमण रेती साहित्यिक परिषद आलीराजपुर के तात्वावधान में आयोजित काव्य गोष्ठी तथा सहित्यकारों के सम्मान के अवसर पर मंच अध्यक्ष रमणसिंह सोलंकी के द्वारा व्यक्त किए गए।
इस समारोह में सर्व प्रथम मंच पर विराजमान अतिथियों को मंच पर आमंत्रित किया गया। मुख्य अतिथि अशोक औझा तथा विशेष अतिथि अनीलसिंह तंवर, अरूणसिंह गेहलोत, अशोकसिंह सोलंकी, मानन्द्रसिंह गेहलोत, माधुरी सोनी और संस्था अध्यक्ष रमणसिंह सोलंकी के द्वारा सरस्वती माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलीत कर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया गया। शायर साजीद रतलामी और नजमुद्दीन हाफीज को भी मंच दिया गया। तत्पश्चात् अतिथियों का स्वागत संस्था अध्यक्ष रमणसिंह सोलंकी, उपाध्यक्ष माधुरी सोनी, दुर्गेश कलम, सचिव उमेश वर्मा, आरती सोलंकी, एसडी शेख यतेन्द्रसिंह सोलंकी, आशीष अगाल, संध्या राम पाण्डे और राजेश आर वाघेला के द्वारा किया गया। अयोध्या चैधरी का स्वागत नैना सोलंकी द्वारा किया गया। लक्ष्मी सोलंकी का स्वागत संध्या आर. पाण्डे के द्वारा किया गया। समारोह में साजीद रतलामी को सम्मानित किया गया तथा माधुरी सोनी को म.प्र. लेखिका सम्मान, स्वर्णकार सम्मान से सम्मानीत कवियत्री को साल, श्रीफल और अभिनन्दन पत्र से पदाधिकारियों,अतिथियों तथा संस्था अध्यक्ष द्वारा सम्मानीत किया गया।
कविताएं, रचनाएं, शेर शायरी और गजल से किया प्रभावित
इस समारोह में सर्वेश्वर मन्दिर के अध्यक्ष सतीश भाटी, सचिव दीपक गेहलोत और मानेन्द्रसिंह गेहलोत को वाचनालय के लिए मंच की ओर से प्रोफेसर मीना सोलंकी द्वारा पुस्तके प्रदान की गई। आरती सोलंकी और दुर्गेश कलम के द्वारा संचालन करते हुए श्रृंखलाबद्व उपस्थित कवि और शायर तथा कवियत्रियों की अपनी रचना के लिए आमंत्रित किया गया। इस अवसर ज्योति जोशी, किर्ती राठोर, राकेश शर्मा, प्रतिभा पंचोली,साजीद साहब रतलामी, किशोरी शाह, रितु सोलंकी, अयोध्या चैधरी, दिप्ती पंवार, राधेश्याम जोशी, संध्या राम प्रसाद पाण्डे,पूर्णीमा व्यास, माधुरी सोनी, सुरभी जैन, सपन जैन, जनाब अबरार कुरेशी, डॉं. जनाब ए.एम.शेख,उमेश वर्मा कछवाह, प्रतीक यादव, विक्रम रावत, शंकरलाल बागवान, लक्ष्मी सोलंकी, जनाब निसार साहब आलीराजपुरी, अतिथि अशोक ओझा, विशेष अतिथि अनीलसिंह तंवर जनाब नजमुुद्दीन हाफीज साहब, दुर्गेष कलम, जनाब सिराज तन्हा औररमणसिह सोलंकी द्वारा कविताएं, रचनाएं, शेर शायरी और गजल से सभी को प्रभावित किया। सभी की रचनाएं मॉं बेटी और वात्सल्य रस वीर रस और श्रृंगार रस से सजी थी। राष्ट्र और श्रृंगार और प्रकृति से ओत प्रोत होकर सबके मन को छुकर प्रफुल्लित करती रही। समारोह में इस मंच के माध्यम से अरविन्दसिंह गेहलोत एवं अरूणा गेहलोत के द्वारा राजपूत महाराणा प्रताप भवन आलीराजपुर को सरस्वती माता की संगमरमर की मूर्ति भेंट की। इस दौरान मार्च में होली के समय काव्य गोष्ठी में होली के रंग और राष्ट्र के संग का आव्हान किया गया।