अलीराजपुर/यतेंद्रसिंह सोलंकी
कोरोना महामारी के समय डॉक्टरों ने अपनी निजी जिंदगी को भुलाकर समाज के लिये खुद को समर्पित कर दिया है। वर्तमान हालात में चिकित्सक और मेडिकल स्टाॅफ देवदूत के रूप में नजर आ रहे है। कई डाक्टर्स लंबे वक्त से घर नहीं जा रहे हैं और ऐसे में जबकि उन्हें खुद भी संक्रमण होने का खतरा है, लगातार मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं।

ऐसी ही मिसाल सामने आई है अलीराजपुर जिले के जोबट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में, यहां पदस्थ डाॅ. ज्योति जमरा और डाॅ. नरेन्द्र मोरी का विवाह 4 मई 2020 को होना तय था। इनकी शादी की सारी तैयारियां हो चुकी थी, लेकिन देश में कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए दोनों ने अपनी शादी को टाल दिया है और फिलहाल मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। इन दोनों को देखते हुए यकीनन उस बात पर भरोसा बढ़ जाता है कि भगवान के बाद डाक्टर ही जीवन देने का काम करते हैं। इन दोनों युवा चिकित्सकों का फैसला जहां इनके साथी मेडीकल स्टाॅफ को प्रोत्साहित कर रहा है, वहीं अपने दायित्व को ये पूरे उत्साह और जोश के साथ पूरा कर रहे है। ऐसे ही कोरोना यौद्धाओं के कारण अन्य लोगों का मनोबल भी बढ रहा है। अपने चिकित्सकीय कर्तव्य को पूर्ण निष्ठा के साथ प्राथमिकता देने वाले ये दोनों चिकित्सक बताते है शादी तो कुछ समय बाद भी की जा सकती है लेकिन देश और मानवता की सेवा का ऐसा अवसर जीवन में कभी-कभी मिलता है। वे बताते है देश सेवा के साथ-साथ मानवता और चिकित्सकीय दायित्व हमारी पहली प्राथमिकता है।