इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर शहर (Indore) में खिलौना क्लस्टर बना कर तैयार किया जाने वाला है। यह खिलौना क्लस्टर सरकार ने कुल 3.56 हेक्टर की जमीन पर बनाने का निर्णय लिया है। लेकिन अभी हाल ही में इस खिलौना क्लस्टर से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि इंदौर राऊ रंगवासा में बनने वाले इस खिलौना क्लस्टर के प्लाट आवंटन में मनमानी की जा रही है। दरअसल इस खिलौना क्लस्टर में अब तक 20 प्लाट खिलौना उद्योग के नाम पर आवंटन किए गए है।
लेकिन इसमें से एक भी उद्योग के नाम पर आधे प्लाट आवंटित किए गए। उनमें किसी का भी खिलौना निर्माण से कोई संबंध नहीं है। जिन 20 प्लाट को आवंटित किया गया है उससे पहले एक कंपनी बनाई गई। ये एक ही व्यक्ति की है। इसमें वह अलग अलग कंपनी में डायरेक्टर और भागीदार के रुप में कार्यरत है। ऐसे में इस कंपनी के नाम पर अलग-अलग प्लाट भी दे दिए गए है।
बताया जा रहा है कि 20 प्लाट के लिए कंपनी को लीज रेंट के साथ दूसरे शुल्क मिला कर अब तक करीब 165 रुपए वर्गफीट के हिसाब से भुगतान किया जा चूका हैं। बल्कि जहां ये जमीन अवंटित की गई है वहां का बाजार मूल्य काफी ज्यादा चल रहा है। दरअसल, वहां के बाजार मूल्य के हिसाब से वो जमीन 2000 रुपए से ज्यादा वर्गफीट है। ऐसे में सस्ती जमीन दे दी गई। ऐसे में ये जमीन कंफेक्शनरी से लेकर कपड़े की दुकान वालों को दी गई है।
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जानकारी के मुताबिक, खिलौना क्लस्टर बनाने के लिए प्लाट की लीज-डीड उद्योग विभाग ने जुलाई 2022 में पूरी कर ली। प्लाटों की रजिस्ट्री भी जुलाई में की गई। बड़ी बात ये है कि कुछ कम्पनियाँ तो 15 दिन पहले ही रजिस्टर्ड हुई है। वहीं बताया गया है कि 15 नंबर प्लाट ख़ुशी टॉयज के नाम से आवंटित है। इस कंपनी का 15 जुलाई को ही रजिस्ट्रेशन हो गया था। वहीं प्लाट नंबर 11 नायप्रिश टायज कंपनी से आवंटित है।
ऐसे में इसका भी जुलाई में ही रजिस्ट्रेशन हो गया था। इसी तरह दूसरी कंपनियों को भी प्लाट आवंटित हुए है। दरअसल, पहले ही प्लाट के लिए पात्र कंपनियों की सूची एसपीवी ने उद्योग विभाग को सौंपी थी। फिर ही उन्हें प्लाट का आवंटन हुआ।हालांकि अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि कंपनी को कैसे चुना गया या फिर कौनसी कंपनी इसमें आना चाहिए इसका कोई डाटा या कोई तर्क एसपीवी के पास नहीं है।
जब टाय क्लस्टर एसपीवी के अध्यक्ष प्रेम रामचंदानी से पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा हमने इच्छाशक्ति देखी कि कौन काम करना चाहता है। यह सही है कि कई लोग ऐसे हैं जो कंफेक्शनरी उद्योग चलाते हैं। वे अपनी चाकलेट के साथ खिलौना रखते हैं। अब खुद खिलौना बनाना चाहते हैं इसलिए हमने उन्हें मौका दिया। आगे उन्होने कहा कि प्लाट पाने के लिए एसपीवी ने फोन के जरिये लोगों से एक्सप्रेशन आफ इंट्रेस्ट मंगवाए थे। 28 आवेदन आए। जिनमें इच्छाशक्ति दिखी, उन्हें चुन लिया गया।