Ashok Nagar News : जाति प्रमाणपत्र मामले में BJP विधायक जजपाल सिंह जज्जी कोसुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

Atul Saxena
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Ashok Nagar News :  अशोक नगर से भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी (BJP MLA Jajpal Singh Jajji)
को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की डबल बेंच के फैसले का हवाला देते हुये कहा किया कि जब वहां इसे सही माना जा चुका है तो अब इस याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर कास्ट स्कूटनी कमेटी द्वारा जाति प्रमाण पत्र को वैध ठहराने के फैसले को भी सुनवाई के दौरान उल्लेखित करते हुये ग्वालियर हाई कोर्ट की डबल बेंच के विधायक जज्जी जाति प्रमाण पत्र को सही मानने के फैसले के खिलाफ लगी याचिका को खारिज कर दिया।

ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जज्जी की जाति प्रमाणपत्र पर दिया था ये फैसला  

गौरतलब है कि अगस्त महीने में ग्वालियर हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को पलटते हुए विधायक जजपाल सिंह जज्जी के प्रमाण पत्र को वैध ठहराया था। आपको याद दिला दें कि बीते साल दिसंबर माह में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने विधायक जज्जी के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को अवैध मानते हुए उनकी विधायकी को शून्य घोषित करते हुए FIR  के आदेश दिए थे। जिसे हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी गई थी जहाँ से जज्जी को राहत मिली थी। हाई कोर्ट की डबल बेंच ने म प्र की उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा जज्जी को जारी किए गए अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को भी वैध माना, साथ सिंगल बेंच के फैसले को भी डबल बेंच ने पलट दिया।

पूर्व विधायक लड्डू राम कोरी ने दर्ज कराया था मामला 

उल्लेखनीय है कि जज्जी के खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा के ही पूर्व विधायक लड्डूराम कोरी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर सिंगल बेंच में जजपाल सिंह जज्जी की जाति प्रमाण पत्र को अवैध घोषित करने के लिए अपील की थी। सिंगल बेंच ने लड्डू राम कोरी के पक्ष में फैसला भी दिया था। मगर डबल बेंच ने इस फैसले को बदल दिया था। ग्वालियर हाई कोर्ट की डबल बेंच ने जजपाल सिंह जज्जी की नट जाति के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र को लेकर भी उल्लेखनीय बातें अपने फैसले में कही थी। मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहाँ आज जज्जी को राहत मिल गई।

अशोक नगर से हितेंद्र बुधौलिया की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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